पतंजलि अर्शकल्प वटी के फायदे और नुकसान | Divya Patanjali Arshkalp Vati in Hindi

पतंजलि अर्शकल्प वटी टैबलेट के फायदे (Patanjali Arshkalp Vati Benefits in Hindi) अर्शकल्प वटी के फायदे और नुकसान, उपयोग (Uses, Side Effects of Patanjali Divya Arshkalp Vati in Hindi)

divya-patanjali-arshkalp-vati-in-hindi-benefits-fayde-side-effects-uses
अर्शकल्प वटी के फायदे और नुकसान – Patanjali Arshkalp Tablet Benefits

बवासीर एक बहुत ही घातक बीमारी है जिसे यह हो जाए वही जानता है कि यह कितना परेशान कर देती है। रोगी का उठना-बैठना, चलना-फिरना सब कुछ दूभर हो जाता है। बवासीर के दर्द की तो बात ही क्या करें इसमें रोगी बस किसी ना किसी तरह आराम चाहता है।

आज हम बात करने वाले हैं बाबा रामदेव जी की कंपनी पतंजलि द्वारा बनाई गई बवासीर की दवाई के बारे में। पतंजलि की दिव्य फार्मेसी ने अर्शकल्प वटी नाम से बवासीर या पाइल्स की दवाई तैयार की है। आइए जानते हैं पतंजलि दिव्य अर्शकल्प वटी के फायदे और नुकसान के बारे में –

दिव्य अर्शकल्प वटी क्या है (Patanjali Arshkalp Vati in Hindi)

अर्शकल्प वटी पतंजलि की दिव्य फार्मेसी द्वारा तैयार की गई एक दवाई है, जिसे बवासीर को ठीक करने या इसमें आराम पहुंचाने के लिए बनाया गया है।

अर्शकल्प वटी बवासीर के साथ-साथ भगंदर या फिस्टुला तथा गुदा रोग से जुड़े अन्य बिमारियों को भी खत्म करने में सहायक है। अर्शकल्प टेबलेट बीमारी के जड़ तक जाती है तथा धीरे-धीरे उसे समाप्त करती है।

जैसे जैसे आप आगे पोस्ट पढेंगे तो आपको पता चलेगा कि अर्शकल्प वटी के फायदे क्या है तथा हमें इसे कैसे खाना चाहिए?

बवासीर क्या होती है (Piles in Hindi)

बवासीर रोग में मलद्वार या गुदा के आसपास सूजन आ जाती है जो आगे चलकर मस्से का रूप ले लेती है। मनुष्य को शौच जाने के समय इन मस्सों के कारण बहुत पीड़ा होती है। इसी रोग को बवासीर के नाम से जाना जाता है।

बवासीर या पाइल्स दो प्रकार की होती है एक बादी बवासीर और दूसरी खूनी बवासीर

1. बादी बवासीर

इस बवासीर में मनुष्य के मलद्वार पर मस्से बन जाते हैं जिनमें काफी दर्द होता है।

2. खूनी बवासीर

खूनी बवासीर में भी मलद्वार के आसपास मस्से बन जाते हैं। लेकिन फर्क यह होता है कि इस पाइल्स में मस्सों से खून आने लगता है।

Join WhatsApp

व्यक्ति जब शौच के लिए जाता है। तब खून आने की समस्या होती हैं लेकिन दर्द की समस्या बादी बवासीर से कम ही होती हैं।

आइए अब जानते हैं दिव्य अर्शकल्प वटी के उपयोग, जो बवासीर की तकलीफ़ में बहुत अधिक लाभदायक है।

पतंजलि अर्शकल्प वटी की सामग्री (Arshkalp Vati Ingredients)

दिव्य अर्शकल्प वटी की सामग्री निम्नलिखित है –

  • रसौत शुद्ध
  • हरड़ छोटा
  • बाकायन
  • निमोली
  • रीठा
  • कपूर देसी
  • खूनखराबा …आदि

पतंजलि दिव्य अर्शकल्प वटी के फायदे (Divya Patanjali Arshkalp Vati Benefits in Hindi)

पतंजलि की अर्शकल्प वटी गुदा रोगों के लिए बहुत लाभदायक मानी जाती है। ये गुदा रोग कुछ भी हो सकते हैं, जैसे – बवासीर, भगंदर आदि। आइए जानते हैं दिव्य अर्शकल्प वटी के फायदे के बारे में-

1. बवासीर रोग में पतंजलि दिव्य अर्शकल्प वटी के फायदे

बवासीर की बीमारी में मनुष्य के मलद्वार या गुदा के आसपास मस्से बन जाते हैं। चाहे बवासीर बादी हो या खूनी मस्से दोनों में ही बनते हैं तथा यह मुझसे बहुत ही पीड़ा देते हैं। लोग बहुत इलाज करा लेते हैं लेकिन इन मस्सों से छुटकारा नहीं पाते।

कुछ लोग मस्सों को ऑपरेशन के द्वारा निकलवा देते हैं। लेकिन कुछ समय पश्चात या कुछ वर्षों बाद ये मस्से फिर से आ जाते हैं तथा और अधिक पीड़ा देते हैं।

Join Telegram

इसी को देखते बाबा रामदेव जी ने दिव्य फार्मेसी द्वारा अर्शकल्प वटी का निर्माण कराया है। दिव्य अर्शकल्प वटी को रोगी जैसे खाना शुरू करता है यह मस्सों पर अपना असर दिखाने लगती है। अर्शकल्प टैबलेट मस्सों को जड़ से सुखाने का काम करती है तथा कुछ समय पश्चात मस्से टूट कर गिर जाते हैं।

2. भगंदर में दिव्य अर्शकल्प वटी के फायदे

भगंदर एक ऐसा रोग है जिसमें मरीज के गुदाद्वार में फोड़ा हो जाता है। जब मनुष्य मल त्याग करता है तो मल के कारण यह फोड़ा घिसने लगता है, जिस कारण बहुत दर्द होता है।

दिव्य अर्शकल्प वटी के उपयोग से भगंदर या फिस्टुला से बचा जा सकता है। जब हम अर्शकल्प वटी को खाना शुरू करते हैं तो यह फोड़े को सुखाने का काम करती है तथा इससे आ रहे पस या खून को भी कम करती है।

3. पाचन तंत्र के विकारों में पतंजलि अर्शकल्प वटी के फायदे

पाचन तंत्र का सही होना बहुत अधिक महत्वपूर्ण है पेट की सभी बीमारियां पाचन तंत्र के खराब होने पर ही शुरू होती है। चाहे बवासीर हो या भगंदर या कोई अन्य पेट के रोग, सभी अधिकतर पाचन तंत्र में गड़बड़ी के कारण ही होते हैं।

दिव्य अर्शकल्प वटी का यदि डॉक्टर की सलाह से नियमित उपयोग किया जाए तो पाचन तंत्र के विकारों से मुक्ति पाई जा सकती है। पतंजलि अर्शकल्प वटी में हरीतकी, घृतकुमारी जैसी औषधियाँ होती है जो पाचन संबंधी विकारों को दूर करने में सहायक होती है।

4. कब्ज में पतंजलि अर्शकल्प वटी के लाभ

यदि आप किसी भी चिकित्सक से बवासीर या फिस्टुला का सबसे बड़ा कारण पूछोगे तो वे कब्ज को ही बताएंगे। कब्ज की समस्या हमें शुरू में बहुत आम लगती है. लेकिन जैसे-जैसे यह पुरानी होती जाती है, यह हमारे पेट के लिए तथा पूरे शरीर के स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक होती है।

कब्ज की वजह से हमारे शरीर से विषैले पदार्थ ठीक से बाहर नहीं निकल पाते जिस वजह से वह अंदर ही अंदर शरीर को खोखला करने लगते हैं। जब हमें कब्ज होता है तो हम शौच करने में भी ज्यादा जोर लगाते हैं, जिसकी वजह से फिस्टुला तथा बवासीर जैसी बीमारी जन्म लेती है।

कब्ज की समस्या में अर्शकल्प वटी का उपयोग बहुत अधिक लाभदायक है। यदि आपको कब्ज की समस्या रहती है तो आप अधिक से अधिक पानी पिए तथा अर्शकल्प वटी का सेवन करें। पतंजलि अर्शकल्प वटी में हरितकी, घृतकुमारी (जिसे एलोवेरा भी कहते हैं) तथा बकाया आदि औषधियाँ मिली होती है, जो कब्ज की समस्या को मिटाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

5. जलन में पतंजलि अर्शकल्प वटी के फायदे

जिन व्यक्तियों को बवासीर या भगंदर है उन्हें मलद्वार में जलन की समस्या बहुत होती होगी। कभी-कभी कुछ व्यक्तियों को कब्ज के कारण शौच करने में दिक्कत होती है।

जिस कारण से अधिक जोर लगा देते हैं इस वजह से भी जलन की समस्या उत्पन्न हो जाती है।

यदि आप गुदा या मलद्वार में किसी तरह की जलन महसूस कर रहे हैं तो अर्शकल्प वटी आपके लिए एक बहुत बेहतरीन औषधि हो सकती है। पतंजलि अर्शकल्प वटी जलन को कुछ ही दिनों में समाप्त कर देती है तथा रोगी को राहत महसूस कराती है।

6. बदहजमी में दिव्य अर्शकल्प टैबलेट के फायदे

कुछ लोगों को अपच की शिकायत बहुत होती है। अपच को बदहजमी के रूप में भी जाना जाता है इसमें पेट के ऊपरी हिस्से में हल्का सा दर्द तथा बेचैनी महसूस होती है।

बहुत से व्यक्तियों को अपच में पेट भरा हुआ या फूला हुआ लगता है, सीने में जलन होती है या पेट में जलन का एहसास होता है तथा डकार आती है। यदि आप की भी कुछ ऐसी स्थिति बनी रहती है तो पतंजलि अर्शकल्प टैबलेट से आपको बहुत लाभ मिल सकता है।

दिव्या अर्शकल्प में मौजूद रसौत शुद्ध, कपूर, खून खराबा, बकायन, निमोली आदि औषधि है जो ऐसी समस्याओं के लिए बहुत कारगर सिद्ध होती है। यदि आपको अपच की शिकायत है तो अर्शकल्प वटी का सेवन हल्के गुनगुने पानी से किया जा सकता है।

7. रक्त की शुद्धि में दिव्य अर्शकल्प वटी के लाभ

दिव्य अर्शकल्प वटी का उपयोग रक्त की शुद्धि के लिए भी किया जाता है। यही कारण है कि यह दवाई बवासीर तथा फिस्टुला जैसे रोगों में कारगर सिद्ध होती है। बवासीर या फिस्टुला जिसे हम भगंदर भी कहते हैं अशुद्ध खून की वजह से भी होती है।

अर्शकल्प वटी रक्त को शुद्ध करके गुदा मार्ग में होने वाले कई रोगों से बचाव करती है।

8. पीलिया में अर्शकल्प वटी के फायदे

दिव्या अर्शकल्प वटी में कई सारी औषधिया मिली हुई है जिस कारण यह पीलिया के रोगी के लिए भी बहुत अच्छी होती है।

हालांकि पीलिया में इसके फायदे लेने के लिए आपको चिकित्सक से अवश्य परामर्श करना चाहिए, तभी इस अर्शकल्प टेबलेट का उपयोग करना चाहिए।

पतंजलि अर्शकल्प वटी के नुकसान (Patanjali Arshkalp Vati Side Effects in Hindi)

जैसे कि हम सभी जानते हैं आयुर्वेदिक दवाइयों के नुकसान ना के बराबर होते हैं। इन दवाइयों के नुकसान तभी होते हैं जब इन्हें गलत ढंग से या गलत समय पर लिया जाए।

अभी तक उपलब्ध जानकारी के हिसाब से पतंजलि दिव्य अर्शकल्प वटी के कोई भी नुकसान नहीं पाए गए हैं। फिर भी इसे लेने से पहले डॉक्टर से परामर्श करना अवश्य चाहिए।

दिव्य अर्शकल्प वटी के साथ सावधानियां (Arshkalp Vati Sabdhani)

जैसे कि हमने ऊपर बताया है कि अर्शकल्प वटी का उपयोग करने से पहले डॉक्टर से परामर्श लेना अच्छा रहता है फिर भी आप इसका इस्तेमाल ऐसे भी कर सकते हैं।

लेकिन डॉक्टर से परामर्श लेने का यह फायदा है कि आप डॉक्टर को बता सकते हैं। आपकी पहले से क्या दवाई चल रही है, आपकी बीमारी की स्थिति क्या है, इससे इस दवाई के लाभ आपके लिए अधिक बढ़ जाएगी।

फिर भी कुछ चीजों का ध्यान रखना जरूर आवश्यक है जैसे –

  • गर्भवती महिलाओं को इसका सेवन करने से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य लेना है। बिना डॉक्टर की सलाह के प्रेग्नेंट स्त्रियां इसका इस्तेमाल ना करें।
  • यदि बच्चों को बवासीर या भगंदर की बीमारी है तो उन्हें एक टेबलेट से अधिक ना दें। यदि चिकित्सक अधिक टैबलेट की सलाह देता है तो दी जा सकती है।
  • अगर आपको पहले से ही कोई अन्य रोग है तो इसके सेवन से पहले आयुर्वेदिक चिकित्सक से एक बार जरूर पूछ लेना चाहिए।
  • अर्शकल्प वटी की तासीर गर्म होती है। इसलिए जिन व्यक्तियों को पित्त की शिकायत होती है उन्हें इसका सेवन थोड़ा लिमिट में करना चाहिए।

👉 यह भी पढ़े > पतंजलि गिलोय घनवटी के लाभ और हानि

पतंजलि दिव्य अर्शकल्प वटी की सेवन विधि (Arshkalp Vati Dosage in Hindi)

दिव्य अर्शकल्प वटी की दो दो गोलियां खाना खाने से लगभग 30 मिनट पहले लेनी चाहिए। इन टैबलेट को आप ताजे पानी से ले, नहीं तो गुनगुने पानी से भी ली जा सकती है।

दिव्य अर्शकल्प वटी कहां से खरीदें

पतंजलि की अर्शकल्प वटी आपके आसपास किसी भी पतंजलि स्टोर से आसानी से मिल जाएगी। नहीं तो आप इसे ऑनलाइन आर्डर करके भी मंगा सकते हैं।

पतंजलि अर्शकल्प वटी की कीमत (Divya Arshkalp Vati Price in Hindi)

पतंजलि दिव्य अर्शकल्प वटी की कीमत की बात करें तो इसका 40 ग्राम का पैकेट ₹90 के आसपास आता है जिसमें 80 टैबलेट होती है।

FAQ (अर्शकल्प वटी के बारे में सवाल जवाब)

प्रश्न – क्या अर्शकल्प वटी को गर्भवती महिलाएं खा सकती हैं?

उत्तर – गर्भवती महिलाओं को अर्शकल्प वटी का सेवन करने से पहले डॉक्टर से संपर्क करना अनिवार्य है। अधिक जानने के लिए ऊपर पोस्ट पढ़े।

प्रश्न – क्या अर्शकल्प वटी कब्ज मिटाने में काम करती है?

उत्तर – पतंजलि अर्शकल्प वटी कब्ज की समस्या के निवारण के लिए एक बहुत अच्छी औषधि है।

प्रश्न – पतंजलि अर्शकल्प वटी का सेवन कितने दिन तक कर सकते हैं?

उत्तर – अर्शकल्प वटी का सेवन आराम से दो-तीन महीने बिना नुकसान के कर सकते हैं। फिर भी आप आयुर्वेदिक चिकित्सक से सलाह लेना ना भूले।

अंत में

हमने आज के इस लेख में पतंजलि दिव्य अर्शकल्प वटी के लाभ (Divya Patanjali Arshkalp Vati in Hindi) के बारे में भली-भांति जाना। इसके साथ हमने बवासीर की दवाई पतंजलि अर्शकल्प वटी के फायदे और नुकसान, उपयोग आदि के बारे में भी जानकारी ली।

पोस्ट से संबंधित किसी भी जानकारी के लिए आप हमसे कमेंट सेक्शन में पूछ सकते हैं।

ये भी पढ़े 👇

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now

Leave a Comment

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.