पतंजलि लिथोम टैबलेट के 7 फायदे और नुकसान | Patanjali Lithom Tablet in Hindi

पतंजलि लिथोम टैबलेट के लाभ (Divya Lithom Tablet Benefits) दिव्य लिथोम के फायदे और नुकसान, उपयोग, सेवन विधि (Side Effects, Uses of Patanjali Lithom Tablet in Hindi)

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जब से आयुर्वेदिक कंपनी पतंजलि अस्तित्व में आई है तब ही से इस कंपनी का हर रोग के लिए दवाई बनाने का एक मिशन सा चल रहा है। आपको कोई भी परेशानी हो पूरी उम्मीद है कि उसे ठीक करने के लिए पतंजलि कंपनी की दवाई बाजार में उपलब्ध हो।

बाबा रामदेव जी एवं आचार्य बालकृष्ण जी का हमेशा से ही प्रयास रहा है कि हमारे देश के व्यक्ति रोग मुक्त हो। इसी को देखते हुए उन्होंने किडनी की समस्याओं के लिए भी कुछ दवाइयां बनाई है जिनमें से एक दिव्य लिथोम टैबलेट, जिसके बारे में हम आज बात करने वाले हैं

आइए जानते हैं दिव्य पतंजलि लिथोम टैबलेट के फायदे और नुकसान के बारे में –

पतंजलि लिथोम टैबलेट क्या है (Patanjali Lithom Tablet in Hindi)

लिथोमटेबलेट एक आयुर्वेदिक दवाई है जिसे स्वामी रामदेव जी तथा आचार्य बालकृष्ण जी द्वारा संचालित कंपनी पतंजलि की दिव्य फार्मेसी द्वारा निर्मित किया गया है।

यह दवाई पूरी तरह से आयुर्वेदिक चीजों से बनी है जिस कारण इसका हमारे शरीर पर सकारात्मक प्रभाव बहुत ही अच्छा रहता है। इस दवाई को बनाने के पीछे कंपनी का उद्देश्य किडनी स्टोन जैसी समस्या से लोगों को छुटकारा दिलाना है।

जैसे-जैसे हम आगे पोस्ट को पड़ेंगे आपको लिथोम टैबलेट के उपयोग फायदे तथा नुकसान के बारे में भी अवगत कराएंगे। जिससे आपको स्पष्ट हो जाएगा कि आपको इस दवाई का उपयोग क्यों करना चाहिए।

पतंजलि लिथोम टैबलेट में मौजूद घटक (Lithom Tablet Ingredients)

दिव्य लिथोम टैबलेट को बनाने में कई आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों का उपयोग किया गया है। जिनमें से कुछ निम्नलिखित है –

  • गोखरू
  • कुलथ दाल
  • वरूण
  • पुनर्नवा
  • पशनभेद
  • मेथी
  • यव क्षार
  • हज़रुल यहूद भस्म
  • कलमी शोरा
  • मूलक क्षरा
  • श्वेत पर्पटी

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पतंजलि लिथोम टैबलेट के फायदे (Patanjali Lithom Tablet Benefits in Hindi)

दिव्य फार्मेसी द्वारा बहुत ही बेहतरीन दवाइयों का निर्माण किया गया है जिनमें से एक लिथोम टेबलेट है। इस टेबलेट में कई महत्वपूर्ण जड़ी बूटियां उपलब्ध होने के कारण इसके उपयोग से बहुत से लोगों को फायदा पहुंच रहा है। आइए जानते हैं दिव्य लिथोम टैबलेट के फायदे के बारे में –

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1. किडनी स्टोन में पतंजलि लिथोम टैबलेट के फायदे

किडनी स्टोन की समस्या से दुनिया भर में बहुत से लोग पीड़ित है भारत देश में भी किडनी स्टोन के रोगियों की तादाद बढ़ती ही जा रही है। किडनी स्टोन को हमारी आम भाषा में किडनी की पथरी के नाम से जाना जाता है।

किडनी स्टोन या गुर्दे की पथरी हमारे शरीर में तब बनती है जब हमारे मूत्र में कैल्शियम, ऑक्सलेट या यूरिक एसिड की मात्रा अधिक हो जाती है। ये ऐसे पदार्थ होते हैं जो हमारे किडनी में क्रिस्टल बनाने के कारक होते हैं।

खान-पान के कारण भी पथरी की समस्या बढ़ रही है प्रोसैस्ड फूड, जंक फूड, सॉफ्ट ड्रिंक्स, सप्लीमेंट, सोया मिल्क, सोयाबीन तथा ऐसे खाद्य पदार्थ जिनमें सोडियम अधिक होता है इनकी वजह से पथरी बनने के चांस बढ़ जाते हैं।

जब किसी व्यक्ति को पथरी की समस्या होती है तो उनको पेशाब करते हुए जलन की समस्या हो सकती है। अगर ऐसा भी ना हो तो कमर में दर्द की परेशानी देखी जा सकती है। यदि किडनी स्टोन एक बड़ी मात्रा में बढ़ जाए तो इसके कारण बहुत अधिक तेज दर्द होता है जिसे सहन कर पाना बहुत मुश्किल होता है।

यदि आप गुर्दे की पथरी की समस्या से जूझ रहे हैं तो आप के लिए पतंजलि लिथोम टेबलेट बहुत ही कारगर दवाई हो सकती है। इस औषधि में कई ऐसे आयुर्वेदिक तत्व मिलाए गए हैं जो धीरे-धीरे किडनी स्टोन को समाप्त करने के लिए जाने जाते हैं।

2. किडनी स्वस्थ बनाने में दिव्य लिथोम टैबलेट के फायदे

हम सभी जानते हैं कि किडनी या गुर्दे हमारे शरीर के लिए कितना महत्वपूर्ण अंग है यदि गुर्दा ठीक से काम ना करें तो हमारे शरीर के भीतर कई बीमारियां जन्म ले लेंगी।

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जब हम कोई भी पदार्थ खाते हैं तथा कुछ पीते हैं तो उन चीजों में से अपशिष्ट पदार्थ को पेशाब के साथ बाहर निकालने का कार्य किडनी ही करती है। गुर्दा बार-बार हमारे द्वारा किए गए पानी को फिल्टर करता रहता है जिससे विषैले पदार्थ शरीर से बाहर निकल सके तथा हम तंदुरुस्त रह सके।

क्योंकि किडनी लगातार कार्य करने में लगी रहती है इसलिए धीरे-धीरे इसके कार्य करने की क्षमता कम हो सकती है या कुछ रोग इसे गैर सकते हैं किडनी के स्वास्थ्य के लिए योग को बहुत अच्छा माना जाता है।

आप चाहे तो पतंजलि लिथोम टेबलेट का उपयोग भी कुछ किडनी रोग की समस्या से निजात पाने के लिए कर सकते हैं। लिथोम टैबलेट को बनाने में गोखरू, कुलथ दाल, वरुण, पुनर्नवा, मेथी, कलमी शोरा आदि आयुर्वेदिक चीजों का उपयोग किया गया है।

3. पेनफुल यूरिनेशन में पतंजलि लिथोम टैबलेट के बेनिफिट्स

पेनफुल यूरिनेशन की समस्या बहुत ही विकट होती है यदि किसी व्यक्ति को पेशाब करते हुए जलन की समस्या होती है तो उसके लिए मूत्र करना भी बहुत मुश्किल हो जाता है।

पुरुषों में तो पेशाब में जलन की समस्या बहुत अधिक देखी जाती है महिलाओं में भी मूत्र करते हुए जलन की समस्या हो सकती है कभी-कभी तो यह समस्या हमारे गलत खानपान की वजह से हो जाती है।

बहुत बार है ऐसा भी हो सकता है कि आपके शरीर में पथरी हो जिस कारण आपको पेशाब करते हुए जलन हो रही हो यदि आप मूत्र में जलन से अधिक परेशान है तो ऐसी स्थिति में आप दिव्य लिथोम टैबलेट का फायदा उठा सकते हैं।

लिथोमटेबलेट को बनाने में पुनर्नवा, मेथी, हज़रुल यहूद भस्म, कलमी शोरा, पाशानभेद, स्वेत पर्पटी, मूलक कसारा, गोखरू जैसी चीजों का उपयोग किया गया है जो मूत्र में जलन की समस्या को काफी हद तक कम करती है।

पेशाब मे जलन की समस्या को अंग्रेजी में dysuria के नाम से जाना जाता है। यदि आपको यह समस्या बहुत दिनों तक रहती है तो अल्ट्रासाउंड आदि चेकअप कराएं, हो सकता है कि किडनी स्टोन की वजह से ऐसा हो रहा हो।

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4. ब्लैडर स्टोन में दिव्य लिथोम टैबलेट के लाभ

किडनी की पथरी की समस्या बहुत लोगों को है लेकिन ब्लैडर में पथरी होने की समस्या से भी बहुत लोग पीड़ित हैं ब्लैडर को हिंदी में मूत्राशय के नाम से जाना जाता है।

मूत्राशय में बहुत सारे खनिज मिलकर एक कठोर समूह बना लेते हैं जिसे ब्लैडर की पथरी कहा जाता है! कहा जाता है कि ब्लैडर स्टोन तब ही अधिक विकसित होते हैं जब हमारा ब्लैडर ठीक से खाली नहीं हो पाता, मतलब मूत्राशय से सारा मूत्र बाहर नहीं निकल पाता।

मथुरा से में बच्चा मूत्र धीरे-धीरे कंसंट्रेटेड यूरिन बन जाता है जिस कारण वह क्रिस्टलाइज होकर पथरी का रूप ले लेता है। इस समस्या से निजात पाने के लिए आप पतंजलि लिथोम टैबलेट का उपयोग कर सकते हैं।

पतंजलि लिथोमटेबलेट को बनाने में गोखरू, कुलथ दाल, वरुण, पुनर्नवा, कलमी शोरा, याव क्षार, मेथी, पाशनभेद आदि आयुर्वेदिक तत्वों का उपयोग किया गया है ।जो मूत्राशय की पथरी को निकालने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

5. ब्लड प्रेशर कम करने में पतंजलि लिथोम टैबलेट के फायदे

हमारे खान-पान में बदलाव ने हमें सबसे बड़ी समस्या हार्ट से संबंधित रोगों के बढ़ाओ की दी है ब्लड प्रेशर की समस्या उनमें से एक है जो हमारे खानपान की वजह से अधिक प्रभावित हुई है।

हाई ब्लड प्रेशर की समस्या उन लोगों को अधिक देखने को मिलती है जिनका वजन अधिक होता है तथा जो व्यायाम बहुत कम करते हैं। खाने में नमक की मात्रा अधिक होना तथा पोटेशियम की मात्रा कम होना भी हमारे हाई ब्लड प्रेशर को बढ़ा सकता है। शराब का अधिक सेवन कम नींद तथा कॉफी अधिक पीना भी हाई बीपी का कारक हो सकता है।

कभी भी हाई बीपी की समस्या को हल्के में नहीं लेना चाहिए क्योंकि इसके कारण हार्ट अटैक की समस्या भी हो सकती है। बाजार में कई हाई बीपी की आयुर्वेदिक दवा उपलब्ध है जिनके सेवन से आप इस परेशानी को काफी हद तक काबू में कर सकते हैं।

आप चाहे तो दिव्य लिथोम टैबलेट का उपयोग भी हाई ब्लड प्रेशर की स्थिति में कर सकते हैं इस टेबलेट में मौजूद सामग्री हाई बीपी की समस्या को कम करने में बहुत मददगार होती हैं।

6. ब्लड शुगर लेवल कम करने में दिव्य लिथोम टैबलेट के फायदे

डायबिटीज एक ऐसा रोग है जिससे पीड़ित लोगों की संख्या दुनिया में सबसे अधिक पहुंच चुकी है भारत देश में भी मधुमेह से पीड़ित व्यक्तियों की तादाद बहुत अधिक है।

डॉक्टरों द्वारा ऐसा कहा जा रहा है कि आने वाले कुछ वर्षों में भारत मधुमेह रोगियों की राजधानी बन जाएगा, क्योंकि यहां पर मधुमेह से पीड़ित रोगियों की तादाद बहुत तेजी से बढ़ रही है। मधुमेह होने का मतलब होता है कि हमारे ब्लड शुगर लेवल का बढ़ जाना।

ब्लड शुगर लेवल कई कारणों से बढ़ सकता है अधिक शुगर युक्त पदार्थों का सेवन करने से सॉफ्ट ड्रिंक पीने से या फिर गलत खानपान तथा दवाइयों के अधिक उपयोग से।

हमारे ब्लड शुगर का लेवल 140mg/dl से कम ही रहना चाहिए इससे अधिक के शुगर लेवल को गंभीर माना जाता है। रक्त के शुगर लेवल को कंट्रोल करने के लिए आप पतंजलि लिथोम टैबलेट का उपयोग कर सकते हैं। इस टेबलेट में पुनर्नवा, गोखरू, पाषाणभेद, मेथी, मुलाका कसारा जैसी जड़ी-बूटी है जो ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने के लिए जानी जाती है।

7. वेसीकोरेट्रल में दिव्य पतंजलि लिथोम के लाभ

सामान्यत है हमारा यूरिन किडनी से यूरेटर्स जो एक टयूब है इसके द्वारा होते हुए ब्लैडर तक जाता है। किसी भी हालात में हमारा मूत्र ब्लडेड से यूरेटर्स से होते हुए वापस किडनी में नहीं जाना चाहिए।

वेसीकोरेट्रल एक ऐसी स्थिति होती है जब हमारा यूरिन यूरेटर्स ट्यूब के द्वारा ब्लैडर से वापस किडनी की तरफ जाने लगता है। अगर बार-बार यही स्थिति होती रहती है तो हमें यूरिनरी ट्रैक्ट इनफेक्शन मतलब मूत्र मार्ग में संक्रमण हो सकता है तथा किडनी डैमेज तक हो सकती है।

अगर किसी व्यक्ति को यह समस्या हो जाती है तो उन्हें जल्द से जल्द डॉक्टर को दिखाने की सलाह दी जाती है। वेसीकोरेट्रल होने का आपको पता कैसे चलेगा – जब पेशाब करने की बहुत अधिक इच्छा हो, पेशाब में जलन हो साथ में बुखार तथा आपके नाभि से नीचे वाले हिस्से में दर्द हो तो यह कुछ इस रोग के लक्षण हो सकते हैं।

वेसीकोरेट्रल की स्थिति में भी आप पतंजलि दिव्य लिथोम टैबलेट का उपयोग कर सकते हैं। इस टैबलेट में पाषाणभेद जैसी आयुर्वेदिक जड़ी बूटी मिली हुई है जो इस तरह की समस्या को खत्म करने के लिए बहुत अच्छी होती है।

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पतंजलि लिथोम टैबलेट के नुकसान (Patanjali Lithom Side Effects)

जैसे कि आपने जाना लिथोम टैबलेट को निर्मित करने में आयुर्वेदिक दवाइयों का अधिक उपयोग किया गया है जिस कारण इसके नुकसान बहुत कम है या ना के बराबर है।

हमने जो जानकारी इकट्ठी की है हमें उसमें दिव्या लिखो टेबलेट के नुकसान या साइड इफेक्ट्स के बारे में कोई भी जानकारी प्राप्त नहीं हुई है। आप लिथोम के नुकसान के बारे में जानने के लिए किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से संपर्क कर सकते हैं।

पतंजलि लिथोम टैबलेट के उपयोग (Lithom Tablet Uses in Hindi)

दिव्या लिथोमएक बहुत ही फायदेमंद आयुर्वेदिक दवाई है इसीलिए इसका उपयोग बहुत से लोगों द्वारा किडनी से संबंधित परेशानियों के लिए किया जा रहा है। चलिए जानते हैं दिव्य लिथोम टैबलेट के उपयोग के बारे में –

  • गुर्दे की पथरी की समस्या में दिव्य लिथोम टैबलेट का उपयोग किया जा सकता है।
  • लिथोमटेबलेट का उपयोग ब्लैडर या मूत्राशय की पथरी से छुटकारा पाने के लिए भी कर सकते हैं।
  • किडनी की फिल्टर करने की इकाई में सूजन आने पर दिव्य लिथोम टेबलेट का उपयोग किया जा सकता है।
  • लिथोम टैबलेट का इस्तेमाल हाई ब्लड प्रेशर में भी कर सकते हैं।
  • टाइप 1 और टाइप 2 डायबिटीज की समस्या में पतंजलि लिथोम टेबलेट का इस्तेमाल किया जा सकता है।
  • पेशाब में जलन को कम करने के लिए लिथोम टैबलेट का उपयोग कर सकते हैं।
  • किडनी से रिलेटेड डिसऑर्डर्स में दिव्य लिथोम का इस्तेमाल कर सकते हैं।
  • महिलाओं की कई हेल्थ समस्याओं में इस टैबलेट का उपयोग किया जा सकता है

लिथोम टैबलेट की सेवन विधि (Divya Lithom Dosage)

दिव्या लिथोम टैबलेट की सेवन विधि के बारे में बात करें तो इसका सेवन डॉक्टर के परामर्श के अनुसार या फिर इस दवाई के पैकेट पर लिखे निर्देश के अनुसार ही करना चाहिए।

दिव्य लिथोमटेबलेट के पैकेट पर लिखे निर्देशों के अनुसार आप इसकी दो टैबलेट सुबह के भोजन के आधे घंटे बाद हल्के गर्म पानी से तथा दो टैबलेट शाम के भोजन के बाद हल्के गर्म पानी से ले सकते हैं।

दिव्य लिथोम टैबलेट कहां से खरीदें (Buy Divya Lithom Tablet)

पतंजलि लिथोम टैबलेट को आप पतंजलि के ऑनलाइन स्टोर या फिर ऐमेज़ॉन या फ्लिपकार्ट जैसी वेबसाइट से भी खरीद सकते हैं। वैसे आपको यह टेबलेट आपके नजदीकी किसी भी पतंजलि स्टोर पर आसानी से मिल जाएगी।

पतंजलि लिथोम टैबलेट की कीमत (Patanjali Lithom Tablet Price)

दिव्या लिथोम टैबलेट के प्राइस की बात करें तो इसका 35 ग्राम का पैकेट लगभग ₹300 का आता है जिसमें 60 टेबलेट होती है।

₹300 = 60 टैबलेट

FAQ (प्रश्न-उत्तर)

प्रश्न – क्या दिव्य लिथोम टैबलेट किडनी की पथरी निकालने में फायदेमंद है?

उत्तर – जी हां, लिथोम टैबलेट किडनी स्टोन निकालने में फायदेमंद होती है। इसके बारे में अधिक हमने पोस्ट में बताया है।

प्रश्न – क्या ब्लैडर की पथरी में लिथोम टैबलेट का उपयोग कर सकते हैं?

उत्तर – ब्लैडर स्टोन में लिथोम टैबलेट का उपयोग किया जा सकता है यह काफी फायदेमंद होती है।

प्रश्न – क्या गर्भवती महिलाएं दिव्य लिथोम टैबलेट का उपयोग कर सकती है?

उत्तर – इस बारे में कोई भी जानकारी उपलब्ध नहीं है इसलिए आयुर्वेदिक चिकित्सक से पूछने के बाद ही गर्भवती महिलाओं को लिथोम टेबलेट का उपयोग करना चाहिए।

समीक्षा सारांश

इस पोस्ट में हमने दिव्य पतंजलि लिथोम टैबलेट के फायदे (Divya Patanjali Lithom Tablet in Hindi) के बारे में जानकारी प्राप्त की। इसी के साथ हमने पतंजलि लिथोम टैबलेट के नुकसान, लिथोम टैबलेट के उपयोग (Lithom Tablet Uses in Hindi), कीमत तथा सेवन विधि के बारे में भी जानकारी ली।

हमें आशा है कि आपको हमारे द्वारा दिव्य लिथोम टैबलेट के बारे में दी गई जानकारी जरूर पसंद आई होगी। यदि आप इस टैबलेट के बारे में कोई भी सवाल पूछना चाहते हैं तो हमसे कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं।

Disclaimer: इस लेख में बताये तरीके, तथा विधि की हेल्थीह्यूमन पुष्ठी नहीं करता है। इन्हें केवल सुझाव की तरह ले। इस प्रकार के किसी भी उपचार/दवा/डाइट अम्ल में लाने से पहले डॉक्टर का परामर्श लेना अनिवार्य है।

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