पतंजलि उदरामृत वटी के 9 फायदे व नुकसान | Patanjali Udramrit Vati in Hindi

पतंजलि दिव्य उदरामृत वटी के लाभ (Divya Udramrit Tablet Benefits in Hindi) उदरामृत वटी के फायदे और नुकसान, उपयोग, (Uses, Side Effects of Patanjali Udramrit Vati in Hindi)

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पतंजलि उदरामृत वटी के उपयोग – Udramrit Uses in Hindi

ऐसे बहुत से व्यक्ति होते हैं जिन्हें पेट की बीमारियां होने के साथ-साथ कई और रोग होते हैं। हो सकता है आपको अपच गैस या पेट दर्द की शिकायत हो तथा इसके साथ लीवर से जुड़ा भी कोई रोग हो।

ऐसी स्थिति में हम अधिकतर मामलों में पेट के रोगों के लिए अलग दवाई तथा लीवर या यकृत की बीमारी के लिए अलग दवाई का सेवन करते हैं। लेकिन क्या हो यदि एक ही दवाई इन सभी बीमारियों में काम आए। जी हां आज हम बात करने वाले हैं पतंजलि उदरामृत वटी की जो कई रोगों में काम आती है।

दिव्य उदरामृत वटी पेट के रोगों को ठीक करने के साथ-साथ लीवर तथा कई अन्य रोगों का भी उपचार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। आइए जानते हैं दिव्य पतंजलि उदरामृत वटी के फायदे और नुकसान के बारे में –

उदरामृत वटी क्या है (Patanjali Udramrit Vati in Hindi)

उदरामृत वटी आयुर्वेद की प्रसिद्ध कंपनी पतंजलि की दिव्य फार्मेसी द्वारा तैयार की गई एक दवाई है इस दवाई का सेवन कई रोगों को ठीक करने में किया जा सकता है।

दिव्य उदरामृत वटी ना केवल पेट से जुड़ी समस्या जैसे पेट दर्द, अपच गैस आदि में राहत प्रदान करती है बल्कि यह यकृत से जुड़ी समस्याओं जैसे पीलिया आदि समस्याओं में भी उपयोगी होती है।

पतंजलि उदरामृत वटी खाने के बहुत से फायदे हैं जिनके बारे में आपको आगे चलकर पता चल जाएगा। हमारा तो यही कहना है कि हर व्यक्ति को उदरामृत वटी तो अपने घर में अवश्य रखनी चाहिए।

उदरामृत वटी में मौजूद घटक (Divya Udramrit Vati Ingredients)

दिव्य उदरामृत वटी कई आयुर्वेदिक औषधियों का मिश्रण है जिनमें से कुछ निम्नलिखित है –

  • भूमि आमला
  • पुनर्नवा
  • मकोय
  • चित्रक
  • आमला
  • हरड़ छोटी
  • बहेड़ा
  • सौंफ
  • तुलसी
  • निशोथ
  • कुटकी
  • आम
  • बेल
  • पुदीना
  • अजवायन
  • अतिबाला
  • गिलोय
  • लौह भस्म
  • मंदूर भस्म
  • कपर्दक भस्म
  • मुक्ताशुक्ति भस्म
  • शंख भस्म
  • कशिश भस्म…आदि.

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पतंजलि उदरामृत वटी के फायदे (Patanjali Udramrit Vati Benefits)

दिव्य उदरामृत वटी एक बहुत ही उपयोगी औषधि है इसीलिए इसका सेवन बहुत से लोगों द्वारा किया जा रहा है तथा उन्हें फायदा भी पहुंच रहा है। चलिए जानते हैं पतंजलि उदरामृत वटी के लाभ के बारे में –

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1. पेट दर्द में पतंजलि उदरामृत वटी के फायदे

पेट दर्द की शिकायत से भी बहुत से लोग जूझ रहे होते हैं किसी को को पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द होता है तो किसी को पेट के निचले हिस्से में दर्द होता है।

हल्की या तीव्र गति से होने वाले पेट दर्द में भी उदरामृत वटी एक बहुत ही कारगर होती है। इसका उपयोग कैसे भी पेट के दर्द में किया जा सकता है।

दिव्य उदरामृत वटी को बनाने में बहेड़ा, तुलसी, निसोथ, कुटकी, अतीस, बेल, पुदीना, घृतकुमारी आदि आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों का उपयोग किया गया है। ये आयुर्वेदिक जड़ी बूटियां पेट दर्द की समस्या में बहुत ही फायदेमंद साबित होती है।

यदि आप को हल्के या तीव्र गति से पेट में दर्द की शिकायत अक्सर बनी रहती है तो आपको दिव्य पतंजलि उदरामृत वटी के लाभ जरूर लेने चाहिए।

2. एनीमिया में दिव्य उदरामृत वटी के फायदे

जो व्यक्ति एनीमिया से जूझ रहे होते हैं उन्हें इसके साथ-साथ कई अनेक बीमारियां भी घेर लेती है। एनीमिया का मतलब होता है शरीर में खून की कमी हो जाना।

जब हमारा शरीर पर्याप्त मात्रा में रक्त कम कर देता है तो शरीर में खून की कमी हो जाती है। यदि शरीर में रक्त की मात्रा कम हो जाए तो थकान होना शरीर में पीलापन दिखाई देना, कमजोरी हो जाना, चक्कर आना, सिर दर्द जैसी कई परेशानियां दिखाई देने लगती है।

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पतंजलि उदरामृत वटी का उपयोग खून की कमी को पूरा करने में बहुत ही अच्छा माना जाता है क्योंकि उदरामृत को बनाने में हरड़, बेल, आमला, शंख, मंडूर भस्म, लोहा भस्म आदि उपयोग में लाई गई है जो रक्त की मात्रा को शरीर में बढ़ाने का काम करती है।

3. पीलिया में पतंजलि उदरामृत वटी के फायदे

आपने से बहुत से लोग पीलिया को जॉन्डिस के नाम से जानते होंगे, अंग्रेजी में पीलिया को जॉन्डिस ही कहा जाता है। यह एक ऐसा रोग होता है जिसमें हमारा शरीर पीला हो जाता है तथा आंखों में भी पीलापन साफ नजर आता है।

यदि पीलिया का समय पर इलाज न किया जाए तो यह बहुत ही घातक हो सकती है। कभी-कभी पीलिया पुरानी हो जाने के कारण व्यक्ति की मौत भी हो जाती है इसलिए पीलिया को नजरअंदाज कभी भी नहीं करना चाहिए।

पीलिया रोग में दिव्य उदरामृत वटी बहुत ही कारगर तरीके से काम करती है क्योंकि इसमें कई आयुर्वेदिक औषधियों का मिश्रण मिला हुआ है जिस कारण यह है इस बीमारी को काबू में रखने का काम करती है।

उदरामृत वटी का पीलिया में कुछ समय तक उपयोग करना चाहिए तभी इसका फायदा दिखाई देता है जब व्यक्ति को पीलिया होती है तो उसे बुखार,, भूख में कमी, वजन कम होना, कमजोरी, थकान, पेट दर्द, त्वचा का रंग पीला होना जैसी समस्या दिखाई देती है

4. ज्वर ने दिव्य उदरामृत वटी के बेनिफिट्स

ज्वर या बुखार आना तो एक आम समस्या है लगभग हर व्यक्ति को वर्ष में एक या दो बार तो हल्का या तेज बुखार हो ही जाता है।

बुखार होने पर आप अंग्रेजी दवाइयों का सेवन ना करके आयुर्वेदिक दवाई उदरामृत वटी का सेवन कर सकते हैं। यह बुखार जैसे रोगों में काफी लाभकारी होती है। बुखार में हमारे बदन में दर्द हो सकता है, शरीर का तापमान बढ़ता है या फिर कमजोरी दिखाई देती है।

पतंजलि उदरामृत वटी को बनाने में एलोवेरा, गिलोय एवं तुलसी का उपयोग किया गया है जिस कारण है बुखार को कम करने का काम करती है। इसी के साथ इसमें अजवाइन सौंफ, पुनर्नवा आदि भी मिलाई गई है जो बदन दर्द को कम करती है तथा शरीर में ऊर्जा भी लाती है।

5. कब्ज में पतंजलि उदरामृत वटी के लाभ

ऐसी बहुत सी रिपोर्ट सामने आ चुकी है जिनके अनुसार 10 में से 5 या 6 व्यक्तियों को कब्ज की शिकायत रहती है। तो आप सोच सकते हैं कि पूरे विश्व में कब्ज या कॉन्स्टिपेशन एक कितनी बड़ी समस्या है।

बहुत से लोग कब्ज को एक सामान्य समस्या सोचकर इस पर ज्यादा ध्यान नहीं देते देते उन्हें नहीं पता कि कब्ज का होना कितनी बीमारियों को जन्म देता है। कब्ज के कारण पेट में अल्सर बनने की समस्या हो सकती है बवासीर या फिस्टुला का भी कारण बहुत से मामलों में कब्ज ही होता है।

जितनी जल्दी हो सके कब्ज की समस्या से छुटकारा पा लेना चाहिए। दिव्या पतंजलि उदरामृत वटी कब्ज को खत्म करने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।

उदरामृत वटी को बनाने में भूमि आंवला, गिलोय, हरड़, सौंफ, पुदीना, बहेड़ा, एलोवेरा आदि तत्व उपयोग में लाए गए हैं। इनमें से बहुत से तत्व कब्ज की शिकायत को खत्म करते हैं तथा व्यक्ति को राहत प्रदान करते हैं।

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6. लिवर रोगों में दिव्य पतंजलि उदरामृत वटी के बेनिफिट्स

लिवर या यकृत मनुष्य शरीर का एक बहुत ही जरूरी अंग होता है तथा इसका स्वस्थ रहना बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण होता है यदि हमारा लीवर ठीक ना हो तो हमें कई समस्याएं हो सकती है।

यकृत के ठीक ना होने पर पेट दर्द त्वचा में खुजली भूख में कमी हो जाना आंखों में पीलापन आ जाना त्वचा में पीलापन होना आदि इलेक्शन देखे जाते हैं। अगर आपको यह समस्या दिखाई दे रही है तो समझ जाइए कि आपका दिमाग ठीक से काम नहीं कर रहा है।

लिवर के लिए वैसे तो पतंजलि लिव अमृत एडवांस एक बहुत ही बेहतरीन दवाई है लेकिन आप पतंजलि उदरामृत वटी का सेवन भी कर सकते हैं। उदरामृत वटी को बनाने में भी कई ऐसी जड़ी बूटियों का उपयोग किया गया है जो लीवर को बेहतर बनाने का कार्य करती है।

7. दस्त में दिव्य उदरामृत वटी के फायदे

दस्त से परेशान व्यक्ति के लिए भी पतंजलि उदरामृत वटी बहुत ही लाभदायक सिद्ध हो सकती ।है दस्त एक ऐसी समस्या होती है जिसमें व्यक्ति को बार-बार सोच के लिए जाना पड़ता है।

इस रोगने व्यक्ति को ठीक से सोच नहीं हो पाता जिसके कारण इसकी बार-बार आवृत्ति होती है इस समस्या में आयुर्वेदिक दवाइयां बहुत ही बेहतर ढंग से कार्य करती है।

जैसा कि आपने जाना उदरामृत वटी कब्ज में लाभकारी होती है साथ ही यह दस्त की समस्या में भी कारगर होती है। क्योंकि उदरामृत वटी को बनाने में बहेड़ा, संघ, गिलोय, चित्रक, अतीस आदि जड़ी बूटियां उपयोग में लाई गई है जिस कारण यह दस्त की समस्या को कंट्रोल में करने का काम करती है।

8. अपच में उदरामृत वटी के लाभ

आयुर्वेद में कहा गया है कि भोजन खाना इतना जरूरी नहीं है जितना कि खाए हुए भोजन का पचना है। यदि खाया हुआ थोड़ा भोजन ही ठीक प्रकार से पच जाए तो वह अपाचे अधिक खाए भोजन से अधिक लाभकारी होता है।

भोजन का सही तरीके से बचना बहुत जरूरी है इसी कारण हमारी तंदुरुस्ती बन पाती है तथा शरीर को कार्य करने के लिए ऊर्जा मिल पाती है। अगर भोजन ठीक प्रकार से नहीं पचता तो कब्ज आदि की शिकायत होना भी स्वाभाविक है।

अपच के समस्या को दूर करने में पतंजलि उदरामृत वटी बहुत ही लाभकारी है। उदरामृत वटी में भूमि आमला, चित्रक, आंवला, हरड़, बहेड़ा,शंख भस्म आदि ऐसी जड़ी बूटियां मिली हुई है जो हमारी पेट की पचाने की शक्ति में वृद्धि करती है।

पतंजलि उदरामृत टैबलेट को भोजन के बाद खाना चाहिए, यह भोजन को जल्द ही पचा देती है तथा इससे हमारे शरीर को अधिक ऊर्जा प्रदान होती है एवं हम लोगों से बचे रहते हैं।

9. पाचन विकारों में पतंजलि उदरामृत वटी के फायदे

पाचन संबंधित कई विकार होते हैं जिन्हें जल्द से जल्द दूर करना बहुत ही जरूरी होता है हमारा पेट ठीक से काम ही नहीं करेगा तो हमें जिंदगी जीने के लिए ऊर्जा कैसे मिलेगी।

पेट का पाचन संबंधित कई विकार होते हैं जैसे अपच हो जाना गैस हो जाना पेट दर्द हो जाना आदि इन सभी समस्याओं में दिव्य उदरामृत वटी के लाभ लिए जा सकते है।

पतंजलि उदरामृत वटी को बनाने में कई ऐसी आयुर्वेदिक औषधियों का उपयोग किया गया है जो पाचन संबंधित रोगों को ठीक करने में बहुत ही बढ़िया होती है।

यदि आप भी पाचन रोगों से जूझ रहे हैं तो नियमित तौर पर दिव्य उदरामृत वटी का उपयोग कर सकते हैं। यह आपके लिए इन समस्याओं में निश्चित ही लाभकारी होगी।

पतंजलि उदरामृत वटी के नुकसान (Patanjali Udramrit Vati Side Effects)

कि हमने ऊपर जाना दिव्य उदरामृत बटी को बनाने में भूमि आमला, पुनर्नवा, बहेड़ा, तुलसी, आम, बेल आदि आयुर्वेदिक औषधि या फलों का उपयोग किया गया है। हम सभी जानते हैं कि प्राकृतिक चीजों के साइड इफेक्ट्स बहुत ही कम होते हैं। इनके नुकसान तभी होते हैं जब इनका अधिक मात्रा में या फिर गलत तरीके से उपयोग किया जाए।

हमारे द्वारा इकट्ठा की गई जानकारी में हमें दिव्य उदरामृत वटी के साइड इफेक्ट्स या नुकसान के बारे में कोई भी डाटा प्राप्त नहीं हुआ है। आप इसके नुकसान के बारे में अधिक जानने के लिए किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से संपर्क कर सकते हैं।

पतंजलि उदरामृत वटी के उपयोग (Patanjali Udramrit Vati Uses in Hindi)

दिव्य उदरामृत वटी का सेवन करने से सैकड़ों लोगों को लाभ पहुंच रहा है इसी कारण इसकी मांग दिलवा दिन बढ़ती जा रही है। आइए जानते हैं पतंजलि उदरामृत वटी के उपयोग के बारे में –

  • उदरामृत वटी का उपयोग रक्ताल्पता में किया जा सकता है।
  • भूख कम लगने की समस्या में भी पतंजलि उदरामृत वटी का उपयोग कर सकते हैं।
  • उदरामृत वटी का इस्तेमाल गैस की समस्या से छुटकारा पाने के लिए भी किया जा सकता है।
  • जिसे भोजन सही से नहीं पचता वह व्यक्ति भी उदरामृत वटी का सेवन कर सकता है।
  • उदर रोगों में उदरामृत वटी का सेवन बहुत ही अच्छा रहता है।
  • उदरामृत वटी का उपयोग पेट दर्द की समस्या में भी कर सकते है।
  • उदरामृत वटी ज्वर जैसे रोगों में भी लाभकारी होती है।
  • पूरे पाचन तंत्र को सही करने के लिए उदरामृत वटी का इस्तेमाल किया जा सकता है।

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पतंजलि उदरामृत वटी सेवन विधि (Divya Udramrit Tablet Dosage)

दिव्य उदरामृत वटी का सेवन आयुर्वेदिक चिकित्सक की आज्ञा के अनुसार या फिर इस के पैकेट पर दिए गए निर्देशों के अनुसार ही करना चाहिए।

उदरामृत वटी के पैकेट पर दिए गए निर्देशों के अनुसार आप इसकी दिन में तीन से चार टेबलेट खा सकते हैं। दो टैबलेट सुबह के भोजन के आधे घंटे बाद तथा दो टैबलेट रात के भोजन के आधे घंटे बाद पानी से ले सकते हैं।

कितनी टैबलेट सेवन करनी है?2 से 4 टैबलेट पूरे दिन में
कैसे सेवन करनी हैं?एक बार में 2 गोली गुनगुने पानी से
कब सेवन करनी है?भोजन के आधा घंटे बाद

पतंजलि उदरामृत वटी कहां से खरीदें (How to Buy Divya Udramrit Vati)

दिव्य उदरामृत वटी आप किसी भी पतंजलि स्टोर से खरीद सकते हैं या फिर आप ऑनलाइन आर्डर करके अमेजॉन या फ्लिपकार्ट जैसी वेबसाइट से भी यह पतंजलि दवाई घर पर मंगा सकते हैं।

पतंजलि उदरामृत वटी की कीमत (Patanjali Udramrit Vati Price)

दिव्य उदरामृत वटी के प्राइस की बात करें तो इसका 40 ग्राम का पैकेट लगभग ₹80 का आता है जिसमें 80 टैबलेट होती है।

₹80 = 80 टैबलेट

FAQ (प्रश्न-उत्तर)

प्रश्न – क्या उदरामृत वटी पेट दर्द में लाभकारी है?

उत्तर – जी हां उदरामृत वटी पेट दर्द में फायदेमंद होती है। इसके बारे में हमने अधिक ऊपर पोस्ट में बताया है।

प्रश्न – क्या उदरामृत वटी का सेवन पीलिया में किया जा सकता है?

उत्तर – उदरामृत वटी पीलिया रोग में फायदेमंद होती है। अधिक जानकारी के लिए ऊपर पोस्ट पढ़े।

प्रश्न – क्या उदरामृत वटी आपस में फायदेमंद होती है?

उत्तर – जी हां, उदरामृत वटी अपच में भी फायदेमंद होती है।

सारांश और समीक्षा

आज की इस पोस्ट में हमने दिव्य पतंजलि उदरामृत वटी के फायदे (Divya Patanjali Udramrit Vati in Hindi) के बारे में जानकारी प्राप्त की। इसी के साथ हमने पतंजलि उदरामृत वटी के नुकसान, उदरामृत वटी के उपयोग (Udramrit Vati Uses in Hindi), सेवन विधि एवं प्राइस के बारे में भी जाना।

मैं आशा करती हूं कि आपको दिव्य उदरामृत वटी के बेनिफिट्स के बारे में लिखी यह पोस्ट बहुत पसंद आई होगी। आपको यह पोस्ट कैसी लगी इस बारे में हमें कमेंट बॉक्स में बताना ना भूलें।

Disclaimer: उपरोक्त जानकरी केवल पाठको के ज्ञान वर्धन के लिए हैं इस चिकित्सीय विकल्प के रूप में ना ले. किसी भी दवा/तरीके/इलाज को अम्ल में लाने से पहले चिकित्सक का परामर्श अनिवार्य हैं.

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