रागी खाने के 9 फायदे और नुकसान | Benefits of Ragi in Hindi

रागी के फायदे (Ragi Ki Roti Ke Fayde) रागी के नुकसान, उपयोग, रागी की रोटी खाने के फायदे, (Uses, Benefits of Ragi in Hindi, Finger Millet in Hindi)

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रागी के फायदे और नुकसान – Benefits of Ragi in Hindi

हम भारतीय हमारे खानपान के लिए लिए पूरी दुनिया में मशहूर हैं। विदेशी लोग यहाँ आकर हमारे भोजन को बड़े चाव से खाते हैं। गेहूँ जैसे अनाज के लिए तो हमे पूरी दुनिया में जाना जाता हैं। लेकिन क्या आपने कभी गेहूँ व चावल के आलावा किन्ही अन्य अनाज का सेवन किया हैं। आज हम बात करने वाले हैं रागी की, यह भी एक बहुत पौष्टिक तथा लाभकारी अनाज हैं। आइये जानते है रागी क्या है व रागी खाने के फायदे क्या हैं?

Table of Contents

रागी क्या है? (Ragi in Hindi)

रागी एक मोटा अनाज है जिसे अफ्रीका और एशिया के सुखे क्षेत्र में उगाया जाता है। यह 1 साल में पक कर तैयार हो जाता है। यह मूल रूप से इथियोपिया के ऊंचे क्षेत्रों का पौधा है जिसे भारत में कुछ हजार वर्ष पहले लाया गया था।

रागी एक तरह का अनाज है जिसका सेवन प्राचीन काल से हमारे देश में किया जाता है। रागी, ज्वार, मक्का, जो जैसे मोटे अनाजों में से एक है। यह अनाज सेहत के लिए बहुत ही लाभदायक होता है।

रागी के और भी नाम है जैसे- मंडुआ, नाचनी, फिंगर मिलेट।

इसका स्वाद काफी अच्छा होता है एवं यह ऊर्जा का एक महत्वपूर्ण स्रोत है। इस के दाने छोटे छोटे होते हैं लेकिन इनमें कई समस्या को ठीक करने के गुण छिपे हुए होते हैं। यदि इस अनाज को रोज अपने आहार में शामिल किया जाए तो निश्चित रूप से कहा जा सकता है कि स्वास्थ्य के साथ-साथ सौंदर्य संबंधी कई लाभ मिलेंगे। यह एक ऐसा अनाज है जिसमें कई तरह के औषधीय गुण पाए जाते हैं।

अनाज का नाम रागी या मंडुआ
अंग्रजी नाम Finger Millet
वैज्ञानिक नाम एलुसिन कोरकाना (Eleusine coracana)
परिवार पोएसी (Poaceae
बनावट व रंग छोटे दाने भूरे, लाल व बैंगनी रंग के
अधिक उत्पादन करने वाले देश भारत, नाइजीरिया, नाइजर, माली और चीन आदि
अधिक उत्पादन करने वाले भारतीय प्रदेश कर्नाटक, उत्तराखण्ड, महाराष्ट्र, तमिलनाडू, उड़ीसा आदि

रागी में पाए जाने वाले पोषक तत्व (Nutrients of Ragi in Hindi)

रागी एक पोषक तत्व से भरपुर अनाज होता है। इसमें कैल्शियम सबसे अधिक मात्रा में पाया जाता है। कैल्शियम हड्डियों और दातों को मजबूत बनाए रखने के लिए शरीर में होना बहुत जरूरी होता है। रागी के बीज में चावल, मक्का और गेहूं की तुलना में डायटरी फाइबर एवं पॉलिफेनॉल्स अधिक मात्रा में होता है जो ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने का काम करता है। आइए आगे कुछ और पोषक तत्वों के बारे में जानकारी देते हैं –

तालिका : रागी के 100 ग्राम में लगभग 330 कैलोरी होती है तथा अन्य पौषक तत्व होते है जिनके बारे में नीचे बताया गया है.

पौषक तत्वमात्रा (ग्राम या मिलीग्राम में)
प्रोटीन7.16 ग्राम
कार्बोहाइड्रेटस71 ग्राम
वसा1.4 ग्राम
फाइबर आहार11.50 ग्राम
आयरन4 मिलीग्राम
कैल्शियम344 मिलीग्राम
सोडियम11.1 मिलीग्राम
पोटैशियम404 मिलीग्राम

रागी के उपयोग (Uses of Ragi in Hindi)

रागी का सेवन हम पुराने समय से करते आ रहे है। माना जाता है कि इसमें काफी सारे औषधि गुण पाए जाते हैं इसीलिए हम अपने खान -पान में इसका उपयोग कई तरह से कर सकते हैं. आइये जानते है रागी के उपयोग के बारे में –

  • यदि प्रजनन के कुछ समय बाद औरत इसका सेवन अपने आहार में करती है तो उसका दूध बढ़ जाता है।
  • रागी कैल्शियम की कमी को दूर करने में काफी उपयोगी होता है।
  • कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखने में यह काफी उपयोगी होता है ।
  • इसके उपयोग से शरीर में खून की मात्रा को बढ़ाया जा सकता है।
  • इसका सेवन मधुमेह को नियंत्रित रखने में सहायक होता है।
  • इसके नियमित रूप से सेवन करने से वजन को भी काफी हद तक कम किया जा सकता है।
  • शिशुओं के स्वास्थ्य के लिए भी रागी काफी उपयोगी होता है।

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रागी या रागी की रोटी खाने के फायदे (Ragi Benefits in Hindi)

यदि स्वास्थ्य की बात की जाए तो हरी सब्जियों और फलों के साथ अनाज का सेवन भी जरूरी होता है। अनाज के सेवन से शरीर को जरूरी पोषक तत्व मिल जाते हैं, जब अनाज की बात की जाए तो रागी को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता, क्योंकि कई अध्ययनों से पता चला है कि रागी स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद होता है। चलिए आगे हम आपको इसके फायदों के बारे में जानकारी देते हैं –

1. डायबिटीज में रागी के फायदे

डायबिटीज एक आम समस्या होती जा रही है। आजकल हर पांच मे से दो व्यक्ति इस समस्या से ग्रस्त है। मधुमेह जैसी समस्या में रागी काफी हद तक फायदेमंद हो सकता है क्योंकि इसमें एंटी डायबिटीक गुण पाए जाते हैं जो डायबिटीज के जोखिम को कम करने में मदद करते हैं।

और इसके अलावा रागी एक लो (low) ग्लाइसेमिक खाद्य पदार्थ है जो ब्लड ग्लूकोस को नियंत्रित करने में सहायक हो सकता है। डायबिटीज के मरीजों के लिए रागी की रोटी को काफी फायदेमंद माना जा सकता है।

2. एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर है रागी

यदि रागी के फायदे की बात की जाए तो इसको एंटी ऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर माना जाता है क्योंकि इसमें पॉलिफेनॉल्स, टैनिंन और फ्लेवनॉयड्स जैसे कई फेनालिक कंपाउंड पाए जाते हैं, जो एंटी ऑक्सीडेंट प्रभाव को दिखा सकते हैं।

रागी में पाया जाने वाला एंटी ऑक्सीडेंट प्रभाव हृदय रोग और ब्लड शुगर जैसे रोगों के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है। इसीलिए रागी का सेवन लाभकारी माना जा सकता है।

3. कैंसर के लिए रागी की रोटी खाने के फायदे

रागी को कैंसर से बचाव में कुछ हद तक मददगार माना जा सकता है क्योंकि इसमें कुछ अमीनो एसिड मौजूद होते हैं जैसे-सिस्टीन, लाइसिन और मेथिओनाइन।

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यह सारे अमीनो एसिड कैंसर से बचाव में काफी हद तक सहायक हो सकते हैं। इसके अलावा रागी में मौजूद डाइटरी फाइबर भी कैंसर से बचाव में सहायक हो सकता है इसीलिए रागी को कैंसर से बचाव में फायदेमंद माना जा सकता है।

4. वजन को नियंत्रित करने में रागी के फायदे

रागी की मदद से वजन को काफी हद तक कम किया जा सकता है, इसे से जुड़े एक शोध के अनुसार रागी को वेट लॉस डाइट का हिस्सा भी बनाया जा सकता है। क्योंकि इसमें ट्रिप्टोफैन नाम का अमीनो एसिड पाया जाता है जिससे भूख को नियंत्रित रखकर वजन को नियंत्रित करने में सहायता मिल सकती है।

इसके अलावा रागी एक फाइबर युक्त आहार होने के कारण मोटापे के जोखिम को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है और इसको आहार में लेने के साथ-साथ नियमित व्यायाम करना भी आवश्यक माना जाता है।

5. कोलेस्ट्रॉल के लिए रागी के लाभ

रागी के फायदे की बात की जाए तो यह कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में भी सहायक हो सकता है। कोलेस्ट्रॉल एक पदार्थ होता है जो शरीर की कोशिकाओं में पाया जाता है। किसी भी व्यक्ति को सही तरीके से काम करने के लिए कोलेस्ट्रॉल की भी आवश्यकता होती है.

लेकिन अगर शरीर में कोलेस्ट्रॉल की अधिक मात्रा हो जाए तो हृदय रोग का जोखिम बढ़ जाता है. इसीलिए रागी को कोलेस्ट्रॉल कम करने के डाइट में शामिल करना उचित विकल्प हो सकता है।

6. प्रोटीन का एक अच्छा स्रोत

हमें शरीर को स्वस्थ रखने के लिए कई पोषक तत्वों की जरूरत होती है और प्रोटीन भी उन्हीं पोषक तत्व में से एक है। शरीर में मांसपेशियों और हड्डियों को स्वस्थ बनाने और स्वस्थ रखने में प्रोटीन की अहम भूमिका होती है।

इसके अलावा प्रोटीन शरीर को ऊर्जा प्राप्त करने का काम भी करता है शरीर को जरूरी प्रोटीन देने के लिए अपने आहार में प्रोटीन युक्त रागी को शामिल कर सकते हैं, क्योंकि रागी में भरपूर मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है जिस कारण इसका सेवन स्वास्थ्य के लिए काफी अच्छा हो सकता है।

7. हड्डियों के लिए रागी रोटी खाने के फायदे

हड्डी स्वास्थ्य के लिए रागी को काफी महत्वपूर्ण माना गया है क्योंकि रागी में कैल्शियम की अच्छी मात्रा पाई जाती है। इससे जुड़े एक शोध के अनुसार रागी में चावल के मुकाबले 30 गुना ज्यादा कैल्शियम पाया जाता है और कैल्शियम को हड्डियों के लिए जरूरी पोषक तत्व माना जाता है जो हड्डियों के स्वास्थ्य को बनाए रखने और उन्हें मजबूती प्रदान करने में मदद कर सकता है।

वही दूसरी ओर रागी को बढ़ते बच्चों के लिए और गर्भवती औरत के लिए एक सेहतमंद खाद्य पदार्थ माना जाता है। इसी कारण कैल्शियम की कमी से बचने के लिए कैल्शियम युक्त आहार में रागी को शामिल करना अच्छा हो सकता है।

8. हृदय के लिए रागी खाने के फायदे

हृदय को स्वस्थ रखने के लिए भी रागी का सेवन काफी फायदेमंद माना जा सकता है दरअसल रागी में मैग्निशियम और आयरन जैसे पोषक तत्व मौजूद होते हैं जो हृदय रोग के खतरे को कुछ हद तक कम कर सकते हैं.

इसके अलावा यह कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करके भी हृदय रोग के जोखिम को कम कर सकता है इसीलिए हृदय को स्वस्थ रखने के लिए रागी को आहार में शामिल किया जा सकता है।

9. त्वचा के लिए रागी खाने के फायदे

रागी को सिर्फ सेहत के लिए ही अच्छा नहीं कहा जा सकता बल्कि त्वचा के लिए भी यह काफी फायदेमंद होता है. क्योंकि युवी विकिरणों की वजह से हमारी त्वचा की जो क्षति होती है उसे रागी में पाया जाने वाला फेरूलिक एसिड कम कर सकता है।

इसके अलावा इसमें एंटी एजिंग भी पाए जाते हैं जिस कारण यह समय से पहले त्वचा पर एजिंग के प्रभाव को कम कर सकता है। रागी का उपयोग फेस मास्क के तौर पर किया जा सकता है।

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रागी या रागी की रोटी खाने के नुकसान (Ragi Side Effects in Hindi)

जिस तरह रागी के सेवन से हमारे स्वास्थ्य को बहुत सारे लाभ मिलते हैं, उसी तरह इसके सेवन से स्वास्थ्य में कुछ हानियां भी हो सकती है. चलिए जाते है रागी के नुकसान के बारे में –

  • यदि किसी व्यक्ति को किडनी से जुड़ी कोई समस्या है तो उसे रागी का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • रागी के अधिक सेवन से डायरिया जैसी समस्या भी हो सकती है क्योंकि इसमें कई ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो डायरिया की समस्या को पैदा कर सकते हैं।
  • रागी का सेवन थायराइड के मरीजों को भी नहीं करना चाहिए।
  • कब्ज की समस्या रहती है उन्हें रागी का सेवन नहीं करना चाहिए. क्योंकि रोगी अच्छे से बना आहार सही से पच नहीं पाता।
  • रागी का नियमित रूप से सेवन करने से मोटापा बढ़ सकता है क्योंकि इसमें फाइबर पाया जाता है। जो मोटापे को बढ़ाता है।

रागी की रोटी कैसे बनाए (Ragi Roti Banane Ka Tarika)

रागी एक बहुत ही पौष्टिक और हेल्थी अनाज होता है। इससे बने रोटी बच्चों और बड़ों दोनों के स्वास्थ्य के लिए काफी अच्छी होती है इसीलिए आइए जानते हैं रागी की रोटी कैसे बनाई जाती है –

  1. रागी की रोटी बनाने के लिए सबसे पहले हम इसका आटा तैयार करेंगे।
  2. रागी की रोटी बनाने के लिए हम किसी कटोरी या कप से आटे को नाप लेंगे। जितनी मात्रा में हम आटा लेंगे। उतनी मात्रा में पानी लेना होगा।
  3. इसके बाद पानी को किसी भगोने मैं डाल कर गर्म करेंगे और उसमें एक चम्मच घी या तेल और साथ-साथ थोड़ा सा नमक डाल देंगे, जब पानी गर्म हो जाए तो गैस को बंद करेंगे, फिर उस पानी में आटे को डाल देंगे और किसी चमचे की मदद से उसको मिलाएंगे।
  4. जब आटे का मिश्रण अच्छी तरह तैयार हो जाए तो उसे एक प्लेट में निकाल लेंगे और थोड़ा सा घी लगाकर गूंथेगे और फिर उस आटे को ठंडा होने के लिए उस समय के लिए रख देंगे, जब आटा ठंडा हो जाए तो तवे को गर्म होने के लिए गैस पर रख देंगे फिर बेलन की मदद से रोटी को बे लेंगे और तवे पर डाल देंगे।
  5. और उसके बाद जब रोटी एक तरफ से सीक जाए तो उसे पलट देंगे फिर कपड़े की मदद से रोटी को दबाते हुए सीकेगे या फिर सीधे आंच पर भी सेक सकते हैं और इस तरह हमारी रोटी बन कर तैयार हो जाएगी। इस रोटी पर घी लगाकर इसका सेवन करना चाहिए क्योंकि घी के साथ इसका सेवन स्वास्थ्य के लिए काफी अच्छा होता है.

रागी को सेवन करने का सही तरीका (Ragi Khane Ka Tarika in Hindi)

अपने शरीर के वजन को कम करने के लिए सुबह खाली पेट रागी से बने आहार का सेवन करना काफी अच्छा हो सकता है। इसके लिए रागी से बनी खिचड़ी, रागी का डोसा, रागी की इडली भी नाश्ते में खा सकते हैं। आप रात के भोजन में भी रागी से बने खाद्य पदार्थों का सेवन कर सकते हैं.

इसके अलावा अपने स्वास्थ्य को ओर अधिक स्वस्थ बनाने के लिए आप रागी से बनी रोटी का सेवन अपने आहार में कर सकते हैं।

रागी के आटे में गेहूं का आटा मिलाकर भी उसकी रोटी बनाई जा सकती है और उसका सेवन भी स्वास्थ्य की दृष्टि से काफी अच्छा होता है।

रागी की तासीर ठंडी होती है और यह एक फाइबर युक्त आहार होता हैं व इसमें प्रोटीन भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है इसीलिए यदि हो सके तो रागी से बने खाद्य पदार्थों का सेवन नियमित रूप से करें जिससे कि आपका स्वास्थ्य ठीक रहे लेकिन इस से बने खाद्य पदार्थों का सेवन सीमित मात्रा में ही करना आपके स्वास्थ्य के लिए बेहतर होगा।

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FAQ (प्रश्न-उत्तर)

रागी की तासीर कैसी होती है?

रागी की तासीर गर्म होती है इसलिए इसका सेवन सर्दियों में अधिक किया जाता हैं। अधिक जानकारी के लिए पोस्ट पढ़े.

रागी का दूसरा नाम क्या है?

रागी का दूसरा नाम मंडुआ है इसे नर्तक भी कहते हैं।

रागी का देसी नाम क्या है?

रागी का देसी नाम मंडुआ या रागी ही है। इसे अधिकतर रागी नाम से ही जाना जाता हैं।

आज हमने जाना?

आज हमने रागी (Finger Millet in Hindi) के बारें में विस्तार पूर्वक जाना। हमने रागी के फायदे (Benefits of Ragi in Hindi), रागी के उपयोगरागी की रोटी खाने के फायदे और नुकसान के बारे में भी जान। उम्मीद करते है कि आपको यह लेख बहुत पसंद आया होगा, अपने सुझाव कमेंट में बताना न भूले।

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