पतंजलि संजीवनी वटी के 7 फायदे और नुकसान | Patanjali Sanjivani Vati in Hindi

पतंजलि दिव्य संजीवनी वटी के फायदे (Patanjali Sanjivani Vati Tablet Benefits in Hindi) संजीवनी वटी के नुकसान, उपयोग, कीमत (Side Effects, Uses, Price of Sanjivani Vati in Hindi)

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संजीवनी वटी के लाभ और हानि – Sanjeevani Vati Ke Fayde aur Nuksan

हम सभी संजीवनी बूटी के चमत्कारिक लाभों से परिचित होंगे यह वह औषधि है जो मरते को भी जीवित कर दे। आज हम बात करने वाले हैं संजीवनी वटी की जो बिल्कुल संजीवनी बूटी की तरह काम करती है क्या आपको पता है संजीवनी वटी क्या है इसके उपयोग क्या है तथा यह किन रोगों में काम आता हैं।

आज हम पतंजलि की संजीवनी वटी के बारे में बात करने वाले हैं तथा यह किन चीजों से मिलकर बनी है इस बारे में भी बात करेंगे। आइए जानते हैं पतंजलि संजीवनी वटी के फायदे और नुकसान के बारे मे –

पतंजलि संजीवनी वटी क्या है (Patanjali Divya Sanjivani Vati in Hindi)

पतंजलि संजीवनी वटी एक आयुर्वेदिक औषधि है जिसे पतंजलि की दिव्य फार्मेसी द्वारा तैयार किया गया है.

जैसे कि इस वटी के नाम से पता चलता है कि यह संजीवनी की तरह काम करती है। मतलब कि यह कहीं रोगों को ठीक करने के काम में आती है। चाहे आप को बुखार की दिक्कत हो या कोई पेट की परेशानी हो जाए, कई रोगों को ठीक करती है तथा मनुष्य को स्वस्थ बनाती है।

पतंजलि संजीवनी बटी में मौजूद सामग्री (Divya Sanjivani Vati Ingredients)

दिव्य संजीवनी वटी के घटक कुछ इस प्रकार है –

  • सौंठ
  • पिप्पल
  • हरड़
  • बहेड़ा
  • आमला
  • वच
  • गिलोय
  • विडंग
  • शुद्ध भिलाव
  • शुद्ध वत्सनाव
  • गौ मूत्र

पतंजलि संजीवनी वटी के फायदे (Patanjali Sanjivani Vati Benefits in Hindi)

प्राचीन समय से ही आयुर्वेद तथा भारत के लोग संजीवनी वटी के गुणों तथा इसकी उपयोगिता के बारे में बातें करते आए हैं। इसी कारण इसे हजारों वर्षों से मनुष्य शरीर की कई बीमारियों को ठीक करने के काम में लिया जा रहा है।

आज हम संजीवनी की वटी के लाभों के बारे में जानने वाले हैं. आइए जानते हैं पतंजलि संजीवनी वटी के लाभ के बारे में –

1. पुराने बुखार में पतंजलि संजीवनी वटी के फायदे – Sanjivani Vati in Fever

जीवन में हर व्यक्ति को कभी ना कभी एक ना एक बार बुखार होता ही है। यदि बुखार सामान्य हो तो हम आराम से कोई भी एंटीबायोटिक दवाई को खाकर अपना बुखार समाप्त कर लेते हैं। लेकिन कभी-कभी बुखार बहुत ज्यादा हो जाता है तथा बहुत पुराना हो जाता है।

अगर बुखार मनुष्य के शरीर में बहुत दिनों तक बना रहता है तो यह बहुत घातक सिद्ध हो सकता है। यदि आप भी किसी को जानते हैं जो बहुत दिनों से बुखार से पीड़ित है तो उन्हें दिव्य संजीवनी वटी का उपयोग करने की सलाह दें। दिव्य जीवनी वटी के लाभ पुराने बुखार में बहुत ज्यादा है। यह शरीर के भीतरी अंगों से ज्वर को समाप्त करता है तथा मनुष्य को स्वस्थ बनाता है।

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2. खांसी होने पर संजीवनी वटी के लाभ – Sanjeevani Vati in Cough

खांसी एक बहुत सामान्य बीमारी है लेकिन यह मनुष्य को परेशान कर देती है। मनुष्य ना तो चैन से खा सकता है और ना ही चैन से सो सकता है। खांसी जैसे रोगों को जल्द ही ठीक करना बहुत जरूरी होता है क्योंकि खांसी अगर पुरानी हो जाए तो यह काली खासी का रूप ले लेती है। जो स्वास्थ्य संबंधी भी कई बीमारी पैदा कर सकती है।

खांसी की समस्या के लिए सबसे बढ़िया आयुर्वेदिक औषधि पतंजलि दिव्य संजीवनी वटी है। आप खांसी होने की स्थिति में बाबा रामदेव की संजीवनी वटी को ले सकते हैं। कुछ दिन में ही आप देखेंगे कि आपकी खांसी पूरी तरह से खत्म हो चुकी है।

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3. सर्दी जुकाम में दिव्य संजीवनी वटी के फायदे – Sanjivani Vati in Cold

जैसे मौसम बदलता है वैसे वैसे सर्दी जुकाम की समस्या बहुत देखी जाती है। अगर हमें सर्दी लग जाए तो उसकी बजह से जुकाम हो जाता है तथा जुकाम की वजह से खांसी हो जाती है। तो आप देख सकते हैं कि एक रोग कई लोगों को पैदा कर देता है। सर्दी लगने या जुकाम होने पर पतंजलि संजीवनी वटी का उपयोग किया जा सकता है। यह एक बहुत अच्छी औषधि है जो सर्दी जुकाम में एंटीबैक्टीरियल दवाई की तरह काम करती है तथा हमारे शरीर को सर्दी-जुकाम से मुक्त करती है।

4. स्वास नली के संक्रमण में पतंजलि संजीवनी वटी के फायदे – Sanjeevani Vati in Respiratory

संजीवनी वटी एक बहुत बेहतरीन आयुर्वेदिक औषधि है। इसके एंटीबैक्टीरियल गुणों के कारण यह श्वसन रोगों में भी बहुत लाभकारी है। कभी-कभार हमें अपने गले में खसखस की आम समस्या हो जाती है तो कभी कुछ लोगों को स्वास नाली में संक्रमण हो जाता है। ऐसी दोनों ही स्थिति में संजीवनी वटी का उपयोग बहुत अच्छा हैं।

श्वास नली की समस्याओं में संजीवनी वटी का उपयोग करना एक बेहतर विकल्प है। क्योंकि अंग्रेजी दवाइयां गले के संक्रमण को और अधिक बढ़ा देती है इससे हमारी हालत बद से बदतर हो जाती है। यदि किसी को श्वास नली में संक्रमण की समस्या है तो उन्हें संजीवनी बटी का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए।

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5. पेट के रोगों में संजीवनी वटी के फायदे – Sanjivani Vati in Stomach Problem

भोजन ठीक से न पच पाने की वजह से पेट में अपच की शिकायत हो जाती है। पेट हमेशा भरा हुआ सा लगता है जिस कारण बुखार आने की समस्या हो सकती है।

पतंजलि संजीवनी वटी में ऐसे गुण होते हैं जो पेट में पांचक रसों को उत्पन्न करके भोजन को जल्दी बचाने में मदद करती है। संजीवनी वटी के उपयोग से खाया हुआ भोजन शरीर को भलीभांति लगने लगता है, मतलब भोजन का असर शरीर पर होने लगता हैं।

6. वायरल संक्रमण में दिव्य संजीवनी वटी के बेनिफिट्स – Sanjeevani Vati in Viral Infection

जैसे कि हमने हाल के कुछ वर्षो में देखा है कि वायरल संक्रमण का खतरा बहुत बढ़ गया है। नए-नए वायरस पैदा हुए हैं तथा लाखों लोगों की जान ली है। अगर बैक्टीरिया का इन्फेक्शन या संक्रमण होता है तो हम आसानी से एंटीबायोटिक दवाई से उसे खत्म कर सकते हैं, लेकिन वायरस पर एंटीबायोटिक दवाइयां काम नहीं करती।

यदि आप भी किसी प्रकार का वायरल संक्रमण महसूस कर रहे हैं तो संजीवनी वटी का उपयोग बहुत लाभदायक सिद्ध हो सकता है। संजीवनी वटी शरीर में जाकर वायरल संक्रमण को खत्म करती है तथा हमारी इम्यूनिटी को मजबूत बनाती है। जिससे कि वह वायरल संक्रमण हमारे शरीर को द्वारा से प्रभावित ना कर सके।

7. रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में पतंजलि संजीवनी वटी के फायदे – Sanjivani Vati in Immunity

रोग प्रतिरोधक क्षमता हमारे लिए बहुत अधिक महत्वपूर्ण है क्योंकि यही है जो हमें भिन्न-भिन्न बीमारियों से बचाती है। यदि किसी व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है तो वह आसानी से किसी भी बीमारी के संपर्क में आ सकता है।

आपने कई लोगों को देखा होगा जिन्हें आसानी से सर्दी-जुकाम, बुखार आदि की समस्याएं हो जाती है तथा कुछ लोगों को यह साल में एकाध बार ही होती हैं।

जिन व्यक्तियों को बीमारियां आसानी से हो जाती है तथा जिन व्यक्ति को नहीं होती, उनमें सिर्फ एक फर्क होता है और वह उनकी इम्युनिटी का कमजोर होना।

इम्यूनिटी यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए दिव्य संजीवनी वटी एक लाभकारी औषधि है। इसका प्रयोग करने से हमारी इम्यूनिटी बेहतर होती है तथा हमें विभिन्न प्रकार के रोगों संक्रमण आदि से लड़ने में भी मदद करती है।

पतंजलि दिव्य संजीवनी वटी के नुकसान (Sanjivani Vati Side Effects in Hindi)

संजीवनी वटी एक आयुर्वेदिक औषधि है तथा आप जानते ही हैं कि आयुर्वेदिक औषधियों के नुकसान तभी होते हैं जब हम उनका गलत तरीके से इस्तेमाल करते हैं। इसीलिए पतंजलि संजीवनी वटी के नुकसान या साइड इफेक्ट्स के बारे में कोई भी जानकारी उपलब्ध नहीं है।

यदि आप पहले से ही किसी गंभीर समस्या से जूझ रहे हैं तो बेहतर होगा, कि आप पतंजलि दिव्य संजीवनी वटी का इस्तेमाल करने से पहले किसी अनुभवी आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श जरूर कर ले।

  • इस बात का ध्यान रखें कि आप संजीवनी वटी का उपयोग खाली पेट ना करें।
  • संजीवनी बूटी को अधिक मात्रा में लेने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
  • यदि आप पतंजलि संजीवनी वटी का उपयोग 1 महीने से अधिक करने वाले हैं तो आपको डॉक्टर से इस बारे में जरूर पूछना चाहिए।

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पतंजलि संजीवनी वटी के उपयोग (Patanjali Sanjivani Vati Uses in Hindi)

दिव्या संजीवनी वटी इतनी उपयोगी होती है इसलिए इसका उपयोग बहुत किया जाता है। आइए जानते हैं पतंजलि संजीवनी वटी के उपयोग के बारे में –

  • संजीवनी वटी का उपयोग मूत्र से संबंधित परेशानी में क्या जाता है यह पेशाब को साफ करने का काम करती है।
  • जिन व्यक्तियों को मूत्र कमाने की समस्या है उन्हें संजीवनी वटी का उपयोग करना चाहिए।
  • पतंजलि संजीवनी वटी का उपयोग मोतीझरा रोग मतलब टाइफाइड में लोंग के जल के साथ किया जाता है।
  • पेट में भारीपन की स्थिति में या पेट में दर्द होने पर संजीवनी वटी का उपयोग बेहतर होता है।
  • संजीवनी वटी का उपयोग हम दस्त आदि की समस्या से निजात पाने के लिए भी कर सकते हैं।
  • पतंजलि संजीवनी वटी को उल्टी की समस्या में भी उपयोग किया जा सकता है।

पतंजलि संजीवनी वटी की कीमत (Sanjivani Vati Patanjali Price)

पतंजलि दिव्य संजीवनी वटी को आप किसी भी पतंजलि स्टोर से खरीद सकते हैं। इसका 40 ग्राम वाला पैक ₹60 में आता है जिसमें 160 गोलियां होती है।

यदि आपके आसपास कोई पतंजलि स्टोर उपलब्ध नहीं है तो आप इसे ऑनलाइन आर्डर करके भी मंगा सकते हैं।

ध्यान रहे जिस समय आप इस पोस्ट को पढ़ रहे हैं तब दिव्य संजीवनी वटी की कीमत कम या ज्यादा हो सकती हैं।

पतंजलि संजीवनी वटी सेवन विधि (Divya Sanjeevani Vati Dosage)

पतंजलि दिव्य संजीवनी वटी को व्यस्क लोग दिन में दो बार भोजन के बाद ले सकते हैं। व्यस्त व्यक्ति दोपहर के भोजन के आधे घंटे बाद दो गोली तथा रात के भोजन के आधे घंटे बाद तो गोली ले सकता है।

बुजुर्गों तथा 18 वर्ष से कम उम्र के व्यक्तियों को भोजन के बाद ही संजीवनी बूटी की एक-एक गोली लेनी है। इसका सीधा सा अर्थ है कि दिन में दो से अधिक संजीवनी वटी की टैबलेट बुजुर्गों तथा 18 वर्ष से कम उम्र के व्यक्तियों को नहीं लेनी है।

FAQ (संजीवनी वटी के बारें में प्रश्न)

प्रश्न- क्या संजीवनी वटी बुखार को ठीक करती है?

उत्तर – जी हां, पतंजलि संजीवनी वटी का उपयोग बुखार में बहुत लाभदायक है अधिक जानने के लिए ऊपर पोस्ट में पढ़ें

प्रश्न – क्या गर्भवती महिलाएं संजीवनी वटी का उपयोग कर सकती है?

उत्तर – गर्भवती महिलाएं संजीवनी वटी का उपयोग करने से पहले किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श अवश्य ले।

प्रश्न – क्या संजीवनी बूटी मधुमेह रोग में भी काम करती है?

उत्तर – मधुमेह या डायबिटीज के रोगियों के लिए संजीवनी वटी का अभी तक कोई भी फायदा नहीं पता है। इसलिए हम कह सकते हैं डायबिटीज को कम करने में संजीवनी वटी का कोई फायदा नहीं है।

अंत में –

आज के इस ज्ञानवर्धक लेख में हमने पतंजलि दिव्य संजीवनी वटी के फायदे (Patanjali Sanjivani Vati in Hindi) के बारे में जाना। आपने संजीवनी वटी के फायदे और नुकसान के अलावा संजीवनी वटी के उपयोग आदि के बारे में भी जानकारी प्राप्त की है।

उम्मीद करता हूं कि आपको संजीवनी वटी के साइड इफेक्ट्स (Patanjali Sanjeevani Vati Side Effects) तथा लाभ के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। किसी और जानकारी के बारे में पूछने के लिए आप कमेंट कर सकते हैं।

Disclaimar : यह लेख पाठकों के ज्ञानवर्धन के लिए प्रस्तुत कराया गया हैं. इस जानकारी के पूर्ण लाभ का हेअल्थीह्यूमन डॉट कॉम दायित्व नहीं लेता। संजीवनी वटी के उपयोग से पहले आयुर्वेदिक चिकित्सक से संपर्क जरुर करे।

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