पतंजलि पीड़ांतक वटी के 7 फायदे व नुकसान | Patanjali Peedantak Vati in Hindi

पतंजलि पीड़ांतक टैबलेट के फायदे (Divya Peedantak Vati in Hindi) दिव्य पीड़ान्तक वटी के नुकसान, उपयोग (Side Effects, Usages Patanjali Peedantak Vati in Hindi)

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पतंजलि पीड़ांतक वटी टैबलेट – Peedantak Vati in Hindi

आयुर्वेद तो हमारे पास बहुत ही प्राचीन समय से मौजूद था एवं लोग इसकी औषधियों से लाभ भी उठा रहे थे। लेकिन आयुर्वेदिक कंपनियों ने हमारे लिए दवाइयों को सहज व सरल रूप में प्राप्त कराने का कार्य किया है।

जब से बाबा रामदेव जी तथा उनके शिष्य द्वारा पतंजलि कंपनी की स्थापना की गई है। तब से आयुर्वेद का प्रचार भारत देश में बहुत अधिक बढ़ गया है आयुर्वेद से बने उत्पादों का लोग बहुत अधिक उपयोग करने लगे हैं।

आज हम पीड़ांतक वटी के बारे में बात करने वाले हैं जो एक आयुर्वेदिक दवाई है तथा जिसका निर्माण पतंजलि कंपनी द्वारा किया गया है यह दवाई शारीरिक दर्द को मिटाने के लिए जानी जाती है।

चलिए जानते हैं दिव्य पतंजलि पीड़ांतक वटी के फायदे और नुकसान के बारे में –

पतंजलि पीड़ांतक वटी क्या है (Patanjali Peedantak Vati in Hindi)

पीड़ांतक वटी एक आयुर्वेदिक दवाई है जिसका निर्माण पतंजलि कंपनी की दिव्य फार्मेसी द्वारा किया गया है। यह आयुर्वेदिक कंपनी बहुत समय से एक ऐसी दवाई बनाने पर विचार कर रहे थे जो लोगों में हो रहे शारीरिक दर्द में राहत प्रदान करें।

व्यक्तियों में हो रही परेशानी को देखते हुए ही दिव्य पीड़ांतक वटी का निर्माण किया गया है। इस दवाई को बनाने में बहुत सारी आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों का उपयोग किया गया है जिस कारण यह कई तरह के शारीरिक दर्द को मिटाने के काम आती है।

पीड़ांतक वटी ना केवल दर्द में राहत प्रदान करती है बल्कि यह अन्य लाभ भी देती है जैसे आप आगे पोस्ट पड़ेंगे आप पीड़ांतक टैबलेट के फायदों से अवगत हो जाएंगे।

पतंजलि पीड़ांतक वटी में मौजूद घटक (Peedantak Vati Side Effects)

दिव्य पीड़ांतक वटी को बनाने में कई महत्वपूर्ण आयुर्वेदिक तत्वों का इस्तेमाल किया गया है। जिनमें से कुछ निम्नलिखित है –

नागरमोथाकुचलारस्ना
सतावरनिशोथनिर्गुंडी
अश्वगंधामुक्ताशुक्ति भस्मगिलोय
गोदंती भस्मशुद्ध गुग्गुलुहडजोड़
प्रवाल पिष्टीमेथीशिलाजीत सत
कुटकीदशमूल इत्यादि।

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पतंजलि पीड़ांतक वटी के फायदे (Patanjali Peedantak Vati Benefits in Hindi)

दिव्य पीड़ांतक वटी एक बहुत ही महत्वपूर्ण आयुर्वेदिक दवाई है तथा इसके उपयोग से बहुत से लोगों को काफी लाभ प्राप्त हो रहा है। आइए जानते हैं दिव्य पीड़ांतक वटी के फायदे के बारे में –

1. जोड़ों के दर्द में पतंजलि पीड़ांतक वटी के फायदे

पहले समय में लोग बहुत ही कम जोड़ों के दर्द से पीड़ित होते थे बुजुर्ग व्यक्तियों में ही ज्यादातर यह बीमारी देखने को मिला करती थी। लेकिन अब कम उम्र के लोगों में भी जोड़ों के दर्द को देखा जा सकता है।

डॉक्टरों के अनुसार जोड़ों के दर्द की समस्या दो कारणों से अधिक बढ़ी है पहला कारण तो हमारे खानपान में बदलाव तथा दूसरा कारण हमारा अधिक समय तक बैठे रहना, व्यायाम आदि चीजें ना करना। आपने भी देखा होगा कि पहले हम सब घर से बाहर जाकर कुछ खेल खेलते थे लेकिन अब हम लैपटॉप कंप्यूटर पर गेम खेल कर ही अपना समय व्यतीत करते हैं।

यदि किसी व्यक्ति को जोड़ों के दर्द की समस्या एक बार रहने लग जाए तो यह जल्दी से नहीं जाती। अगर आपने से कोई इस रोग से पीड़ित है तो उनके लिए दिव्य पीड़ांतक वटी टेबलेट बहुत ही लाभदायक सिद्ध हो सकती है।

पतंजलि द्वारा बनाई गई इस दवाई में शुद्ध गूगल, अश्वगंधा, शिलाजीत, निर्गुंडी, पुनर्नवा, मेथी, सतावर जैसी औषधियां मिली हुई है जो जोड़ों के दर्द की समस्या को खत्म करने में बहुत लाभदायक है।

2. गठिया के दर्द में दिव्य पीड़ांतक वटी के फायदे

अधिकतर लोग जोड़ों में होने वाले दर्द को ही घटिया समझ लेते हैं लेकिन इन दोनों में थोड़ा फर्क होता है। जोड़ों के दर्द के कारण तो दर्द ही होता है लेकिन गठिया के कारण जोड़ों पर सूजन आ जाती है जिस कारण अधिक दर्द की स्थिति हो जाती है।

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गठिया रोग से भी आजकल दुनिया भर में बहुत अधिक लोग पीड़ित हैं तथा भारत देश में भी इस रोग से ग्रसित रोगियों की संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है।

गठिया रोग से छुटकारा पाने के लिए वैसे तो बहुत सारी आयुर्वेदिक दवाइयां है। लेकिन आप पतंजलि पीड़ांतक वटी का उपयोग भी कर सकते हैं यह टेबलेट भी इस रोग में काफी फायदा कर के रोगी को आराम पहुंचाती है।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पीड़ांतक टैबलेट में निर्गुंडी निसोथ, सौंठ, मेथी, कुचला शुद्ध, हल्दी, हरजोड़, शतावर जैसी जड़ी बूटियां मिली हुई है। जो गठिया के कारण आ रही सूजन को कम करने में बहुत कारगर होती है जिस कारण व्यक्ति को इस रोग में होने वाले दर्द में बहुत आराम मिलता है।

3. मांसपेशियों के दर्द में पतंजलि पीड़ांतक वटी के बेनिफिट्स

जिस प्रकार हड्डियां हमारे शरीर के लिए बहुत अधिक आवश्यक होती है उसी प्रकार मांसपेशियां भी हमारे शरीर के लिए बहुत अधिक जरूरी होती है मांसपेशियों के बिना हमारा शरीर सिर्फ हड्डियों से बना एक ढांचा ही है।

बहुत बार ऐसा होता है कि किन्ही कारणों से हमारी मांसपेशियों में दर्द रहने लगता है इस प्रकार का दर्द अपने हाथ के निचले हिस्से तथा पैरों में टकने के पास महसूस कर सकते हैं।

वैसे तो मांसपेशियों में होने वाला दर्द खुद से ही कुछ समय में चला जाता है लेकिन कभी-कभी स्थिति गंभीर हो जाती है तब आयुर्वेदिक दवाई का सहारा लेना भी आवश्यक हो जाता है।

यदि किसी भी वजह से आपकी मांसपेशियों में दर्द रहता है तो आप शुद्ध गूगल, निर्गुंडी, शिलाजीत, कुटकी, अजवाइन, गोदंती भस्म से बनी दिव्य पीड़ांतक वटी का इस्तेमाल कर सकते हैं। इस वटी का इस्तेमाल करने से आपको मांसपेशियों के दर्द में अवश्य ही राहत मिलेगी।

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4. सूजन कम करने में दिव्य पीड़ांतक वटी के लाभ

कई बार किसी वजह से शरीर पर चोट लगने से हमारे शरीर के चोट लगने वाले स्थान पर सूजन आ जाती है जितना दर्द चोट लगने के कारण होता है उतनी ही परेशानी सूजन की वजह से होती है।

शरीर पर सूजन ना केवल चोट लगने की वजह से कभी कभी कितनी और कारणों से भी आ सकती है। यदि शरीर के किसी भी हिस्से पर किसी भी वजह से आई सूजन में परेशानी हो रही है तो आपको उसे गंभीरता से लेना चाहिए।

चोट आदि कारणों से किसी भी शारीरिक अंग पर आई सूजन को कम करने के लिए आप दिव्य पतंजलि पीड़ांतक वटी का इस्तेमाल कर सकते हैं।

इस बटी में सूजन कम करने वाली आयुर्वेदिक औषधियां जैसे हल्दी, पुनर्नवा, गूगल, गिलोय, अश्वगंधा, गोदंती भस्म, दशमूल, सुरंजन आदि मिली हुई है जिस कारण यह अधिकतर शारीरिक सूजन को कम करने में फायदेमंद होती है।

5. शारीरिक थकावट दूर करने में पतंजलि पीड़ांतक वटी के फायदे

यह आधुनिक समय है ऐसा है जब व्यक्तियों को शारीरिक थकावट सबसे कम होनी चाहिए थी क्योंकि इस समय हमारे पास मशीनें मौजूद है तथा कई अन्य चीजें हैं जो हमारे काम को आसान बनाती है।

लेकिन फिर भी इस दौर में व्यक्ति बहुत अधिक थका हुआ महसूस करते हैं अब हमें पहले की तरह बहुत अधिक परिश्रम नहीं करना पड़ता लेकिन थकान सबसे ज्यादा है। क्योंकि हमारा खान-पान उतनी अच्छी क्वालिटी का नहीं रहा है जितना पहले हुआ करता था।

यदि आप भी शारीरिक थकावट महसूस करते हैं तो ऐसे में शतावर, शिलाजीत, हल्दी आदि चीजें बहुत ही अच्छी रहती है इनका नियमित उपयोग करने से सारे थकावट दूर होती है।

आप चाहे तो दिव्य पीड़ांतक वटी का उपयोग भी कर सकते हैं इस बटी में बहुत सारी शक्तिशाली आयुर्वेदिक जड़ी बूटियां मौजूद है जो आपके शरीर की आंतरिक थकावट को भी दूर करने में मददगार होती है।

6. हड्डियों की मजबूती में दिव्य पीड़ांतक वटी के फायदे

यदि हम अपने शरीर को हमेशा के लिए तंदुरुस्त रखना चाहते हैं तो हमारे लिए यह आवश्यक है कि हमारी हड्डियां बहुत अधिक मजबूत हो। हड्डियों में जितनी अधिक मजबूती होगी हमें उतनी ही कम शारीरिक समस्याएं देखने को मिलेगी।

जिस व्यक्ति की हड्डियां कमजोर हो जाती है उसे कई समस्याएं होने लगती है अधिकतर जोड़ों के दर्द हड्डियों में दर्द रहने की समस्या हड्डियों के कमजोर होने के कारण ही होती है।

यदि आप अपनी हड्डियों को मजबूत करना चाहते हैं तो अधिक से अधिक दूध का सेवन करें तथा साथ में सतावर, शिलाजीत, गुग्गुल, हल्दी जैसी चीजों का भी सेवन करते रहे।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि प्रांतिक बटी में कई सारी औषधियाँ मौजूद है जो हमारे शारीरिक स्वास्थ्य को तो बेहतर करती ही है साथ में हड्डियों की मजबूती बढ़ाने मैं भी बहुत कामयाब होती है।

7. पित्त दोष कम करने में दिव्या पतंजलि पीड़ांतक टैबलेट के फायदे

आयुर्वेद में किसी भी रोगी का उपचार तीन चीजों को देखकर किया जाता है वात, पित्त और दोष एक आयुर्वेदिक चिकित्सक पहले यह देखता है कि इस व्यक्ति में वात पित्त तथा दोष में से कौन-सी प्रवृत्ति अधिक है।

यदि किसी व्यक्ति में पित्त अधिक हो जाता है तो इसका मतलब उसके शरीर में अधिक गर्मी उत्पन्न हो रही है। पित्त के शरीर में बढ़ जाने के कारण फोड़े-फुंसी, स्किन रोग, पेशाब करने में जलन तथा कई अन्य समस्याएं हो सकती है।

आयुर्वेद में कहा जाता है कि वात, पित्त और कफ तीनों में बैलेंस होना चाहिए तब ही एक मनुष्य निरोग रह सकता है तो आप सोच ही सकते हैं कि पित्त के बढ़ जाने पर मनुष्य को कितने समस्या हो सकती है।

दिव्या पतंजलि पीड़ांतक वटी पित्त दोस्त को कम करने के लिए बहुत अच्छी आयुर्वेदिक दवाई है। इस दवाई में अश्वगंधा, शुद्ध गूगल, शिलाजीत, पुनर्नवा, दशमूल, गोदंती भस्म, अजवाइन, गिलोय जैसी जड़ी बूटियां मिली हुई है जो शरीर में पित्त को सामान्य कर मनुष्य को कई रोगों से बचाती है।

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पतंजलि पीड़ांतक वटी के नुकसान (Patanjali Peedantak Side Effects)

जैसा कि आपने ऊपर जाना कि पीड़ांतक वटी को बनाने में आयुर्वेदिक जड़ी बूटियां जैसे मेथी, निर्गुंडी, पुनर्नवा, सतावर, हल्दी, कुटकी, शुद्ध गुग्गुल, गोदंती, भस्म, शिलाजीत, अश्वगंधा का उपयोग किया गया है।

हम सभी जानते हैं की आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी के नुकसान किसी व्यक्ति को तब ही हो सकते हैं जब उनका अधिक मात्रा में या फिर गलत तरह से सेवन किया जाए।

हमारे द्वारा इकट्ठा की गई जानकारी में हमें दिव्य पीड़ांतक वटी के साइड इफेक्ट्स या नुकसान के बारे में कोई भी जानकारी प्राप्त नहीं हुई है। आप इसके नुकसान के बारे में जानने के लिए चिकित्सक से संपर्क कर सकते हैं।

फिर भी आप कुछ बातों का ध्यान रख सकते हैं जैसे –

  • दिव्य पीड़ांतक वटी की एक निश्चित मात्रा का ही उपयोग करें।
  • जितने टैबलेट डॉक्टर ने बताई है या फिर इसके पैकेट पर लिखी है उससे अधिक ना खाएं।
  • गर्भवती महिलाएं प्रांतिक वटी का उपयोग करने से पहले डॉक्टर से सलाह अवश्य ले।
  • बच्चों को यह दवाई देने से पहले डॉक्टर से परामर्श लेना अनिवार्य है।
  • यदि आपको पीड़ान्तक वटी में मौजूद किसी जड़ी-बूटी से एलर्जी है तो इसका सेवन करने से पहले डॉक्टर से पूछे।

पतंजलि पीड़ांतक वटी के उपयोग (Peedantak Vati Uses in Hindi)

दिव्य पीड़ांतक वटी या टेबलेट जब से अस्तित्व में आई है इसने बहुत से लोगों को लाभान्वित किया है आप भी पीड़ांतक टेबलेट को सेवन करके लाभ ले सकते हैं। आज हम पतंजलि पीड़ांतक वटी के उपयोग के बारे में जानेंगे।

  • दिव्य पीड़ांतक वटी का उपयोग जोड़ों के दर्द की समस्या में कर सकते हैं।
  • अर्थराइटिस की समस्या में पीड़ांतक वटी का इस्तेमाल किया जा सकता है।
  • पीड़ांतक वटी रूमेटाइड अर्थराइटिस के लक्षणों को कम कर बीमारी को बढ़ने से रोकने में उपयोग की जा सकती है।
  • शरीर में चोट लगने के कारण आई सूजन को कम करने में पतंजलि पीड़ांतक वटी का उपयोग कर सकते हैं।
  • पीड़ांतक टेबलेट का उपयोग शारीरिक शक्ति में वृद्धि करने के लिए भी किया जा सकता है।
  • इस टेबलेट में मौजूद गिलोय प्रतिरक्षा प्रणाली को भी मजबूत करने में सहायक होता है।
  • अन्य कई प्रकार के शारीरिक दर्द को कम करने में पीड़ान्तक वटी उपयोग में लाई जा सकती है।

पतंजलि पीड़ांतक वटी की सेवन विधि (Patanjali Peedantak Vati Dosage)

दिव्य पीड़ांतक वटी के सेवन के तरीके की बात करें तो इसका सेवन डॉक्टर के बताए अनुसार या फिर इस के पैकेट पर लिखे निर्देश के अनुसार ही करना चाहिए।

दिव्य पीड़ांतक वटी के पैकेट पर लिखें निर्देश के अनुसार आप इसकी दो टैबलेट सुबह खाने के आधे घंटे बाद तथा दो टैबलेट शाम के खाने के आधे घंटे बाद हल्के गर्म पानी या दूध से ले सकते हैं।

कितनी टैबलेट लेनी हैं?2 टैबलेट एक टाइम पर
टैबलेट कैसे लेनी है?दूध या गर्म पानी से
टैबलेट कब सेवन करनी है?भोजन के आधे घंटे बाद (सुबह और शाम)

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दिव्य पीड़ांतक वटी कहां से खरीदें (Buy Divya Peedantak Vati)

पतंजलि पीड़ांतक वटी को आप अपने पास के ही किसी भी पतंजलि स्टोर से खरीद सकते हैं। यदि आप इस दवाई को ऑनलाइन ऑर्डर करना चाहते हैं तो पतंजलि की ऑफिसर वेबसाइट या फ्लिपकार्ट तथा अमेजॉन से मंगा सकते हैं।

पतंजलि पीड़ांतक वटी की कीमत (Patanjali Peedantak Vati Price)

दिव्य पीड़ांतक वटी के प्राइस की बात करें तो इसका 40 ग्राम का पैकेट लगभग ₹110 का आता है जिसमें 80 टैबलेट होती है।

₹110 = 80 टेबलेट

FAQ (प्रश्न-उत्तर)

प्रश्न – क्या दिव्य पीड़ांतक वटी जोड़ों के दर्द में लाभकारी है?

उत्तर – जी हां, पीड़ांतक वटी जोड़ों के दर्द में लाभदायक है इसके और भी कई फायदे हैं जिसके बारे में ऊपर पोस्ट में बताया गया है।

प्रश्न – दिव्य पीड़ांतक वटी का उपयोग कैसे करें?

उत्तर – दिव्य पीड़ांतक वटी की एक से दो गोली आप एक बार में भोजन के बाद दूध या हल्के गर्म पानी से ले सकते हैं।

क्या – मसल्स पेन में पीड़ांतक वटी उपयोग की जा सकती है?

उत्तर – मसल्स पेन में पीड़ांतक वटी बहुत लाभदायक होती है इसका उपयोग अवश्य कर सकते हैं।

समीक्षा सारांश

आज इस पोस्ट में हमने दिव्य पतंजलि पीड़ांतक वटी के फायदे (Benefits of Divya Peedantak Vati in Hindi) के बारे में जानकारी प्राप्त की। साथ ही में हमने पतंजलि पीड़ांतक वटी के नुकसान, पीड़ांतक वटी के उपयोग (Peedantak Vati Uses in Hindi), सेवन विधि तथा कीमत के बारे में भी जाना।

मैं आशा करती हूं कि आपको दिव्य पीड़ांतक वटी टैबलेट के बारे में लिखा यह लेख बहुत अधिक अच्छा लगा होगा। यदि आप इस लेख से संबंधित कोई भी प्रश्न पूछना चाहते हैं तो हमसे कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं। पोस्ट पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।

Disclaimer: इस पोस्ट में बताये तरीके, विधि व दावों की हेल्थीह्यूमन पुष्ठी नहीं करता। इन्हें केवल सुझाव की तरह ले। इस प्रकार के किसी भी उपचार/दवा/डाइट अम्ल में लाने से पहले चिकित्सक की सलाह जरुर ले।

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