सारिवादि वटी के 5 लाभ व हानि | Patanjali Sarivadi Vati Uses in Hindi

पतंजलि दिव्य सारिवादि वटी टैबलेट के फायदे (Divya Sarivadi Vati Tablet Benefits) सारिवादि वटी के नुकसान, उपयोग (Side Effects, Uses of Patanjali Sarivadi Vati in Hindi)

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सारिवादी वटी के उपयोग – Sarivadi Vati Uses in Hindi

कान हमारे शरीर के सबसे जरूरी अंगों में से एक है लेकिन हम इन पर इतना अधिक ध्यान नहीं देते जितना, अपनी बॉडी के अन्य अंगों पर देते हैं।

कानों के स्वास्थ्य पर ध्यान ना देने के कारण तथा इनकी नियमित सफाई न करने के कारण कई बार इनमें समस्या हो जाती है जिस कारण पीड़ित व्यक्ति काफी परेशानी का अनुभव करता है।

अगर आप अपने कानों को स्वास्थ्य बनाए रखना चाहते हैं या आप किसी काम की प्रॉब्लम से जूझ रहे हैं तो हम आपके लिए सारिवादि वटी की जानकारी लाए हैं।

सारिवादि वटी कानों से जुड़ी कई प्रॉब्लम को खत्म करने का काम करती है तथा यह कानों के स्वास्थ्य को बेहतर करने के लिए भी जानी जाती है।

आइए डालते हैं एक नजर दिव्य पतंजलि सारिवादि वटी के फायदे और नुकसान पर –

पतंजलि सारिवादि वटी क्या है (Patanjali Sarivadi Vati in Hindi)

सारिवादि वटी एक आयुर्वेदिक दवाई है जिससे पतंजलि कंपनी की दिव्य फार्मेसी द्वारा आयुर्वेदिक घटकों के उपयोग से निर्मित किया गया है।

पहले ऐसी बहुत ही कम दवाइयां उपलब्ध थी जो कानों की समस्या में राहत दे। आयुर्वेदिक दवाइयां तो नाम मात्र ही मौजूद थी इसीलिए सारिवादि वटी का निर्माण किया गया है।

सारिवादी वटी के उपयोग से कानों से जुड़े इंफेक्शन आदि कई समस्या में लाभ मिलता है तथा इनका सेवन करना भी बहुत ही आसान है।

सबसे अच्छी बात सारिवादी वटी की यह है कि यह एक आयुर्वेदिक दवाई है जिस कारण अंग्रेजी दवाइयों की तरह इसके साइड इफेक्ट नहीं होते।

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पतंजलि सारिवादि वटी की सामग्री (Sarivadi Vati Ingredients)

दिव्य सारिवादि वटी को बनाने में आयुर्वेद के कई तत्वों को उपयोग में लाया गया है जिनमें से कुछ नीचे उल्लेखित है-

सारिवाहरड़
गिलोयबहेड़ा
लौंगआमला
अभ्रक भस्मनीलोत्पल
छोटी इलायचीफूलप्रियंगु
नागकेशरदालचीनी
कुत्थामुलेठी
तेजपतलौह भस्म..आदि

पतंजलि सारिवादि वटी के फायदे (Patanjali Sarivadi Vati Benefits)

दिव्य सारिवादि वटी एक बहुत ही प्रभावी आयुर्वेदिक दवाई है इसका उपयोग करने से बहुत से लोगों को लाभ प्राप्त हो रहे हैं। आइए जानते हैं दिव्य पतंजलि सारिवादि वटी के फायदे के बारे में –

1. कानों का बहना रोकने में पतंजलि सारिवादि वटी के फायदे

कानों का बहना कोई सामान्य समस्या नहीं होती है क्योंकि किसी व्यक्ति को बहुत ही कम यह बीमारी देखने को मिलती है।

आमतौर पर कानों का बहना कानों में गंदा पानी चले जाने या फिर किसी जीवाणु के कारण होता है ।इस समस्या में व्यक्ति के कान से गंध युक्त पानी बाहर निकलता रहता है।

कुछ व्यक्तियों को कान के बहने पर दर्द भी हो सकता है तथा कुछ व्यक्तियों में सिर्फ पानी ही बाहर निकलता रहता है। दोनों ही स्थिति में इस दिक्कत को जल्द से जल्द खत्म करना जरूरी होता है।

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यदि आप कान बहने की समस्या से जूझ रहे हैं तो आप दिव्य सारिवादि वटी का सेवन कर सकते हैं। इस टैबलेट में अभ्रक भस्म, नागकेसर, छोटी इलायची, मुलेठी, सारिवा, लोहा भस्म जैसे कई आयुर्वेदिक तत्व है जो कान बहने की समस्या में राहत प्रदान करते हैं।

2. कान से सायं सायं की आवाज आने में लाभ

कान देखने में तो हमें इतने कोमल नहींहीं लगते लेकिन कान का पर्दा जिससे हम सुनते हैं वह बहुत ही कोमल होता है। इसलिए कान में कोई भी छेड़खानी नहीं करनी चाहिए।

इसलिए कहा भी जाता है कि कान की सफाई कान वाले डॉक्टर से ही कराए। कई बार हमारे कान की सफाई करने की वजह से या फिर पानी चले जाने की वजह से कान से सायं-सायं की आवाज आती है।

यह आवाज कई बार कान में हो रहे इंफेक्शन के कारण भी आ सकती है यदि आपको ऐसी आवाज आ रही है तो इसे ठीक करने के लिए पतंजलि सारिवादि वटी का उपयोग किया जा सकता है।

कुछ दिन तक सारिवादि वटी का उपयोग करके देखें इस समस्या में लाभ नहीं मिलता है तो जल्द से जल्द किसी कान वाले स्पेशलिस्ट को दिखाएं।

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3. ऊंचा सुनाई देने में दिव्य पतंजलि सारिवादि वटी के फायदे

जैसे जैसे हमारी उम्र बढ़ती है वैसे ही हमारी अंगों की शक्तियां कमजोर होती जाती है ऐसा ही हमारे कानों के साथ भी होता है।

जिस प्रकार उम्र बढ़ने के साथ आंखों की दृष्टि कमजोर हो जाती है उसी प्रकार कानों की सुनने की क्षमता भी क्षीण हो जाती है जिस कारण व्यक्ति को ऊंचा सुनाई देने लगता है।

कान की सुनने की क्षमता को बढ़ाने के लिए आयुर्वेद में कई तरीके बताए गए हैं लेकिन आज हम आपको सिर्फ सारिवादि वटी का सेवन करने के बारे में सलाह दे रहे हैं।

यदि आपको ऊंचा सुनाई देता है तो ऐसे में आप सारी बाजी वटी का सेवन कर सकते हैं। इसमें मौजूद अभ्रक भस्म, लोहा भस्म, सारिवा, लौंग, हरड़, कत्था, मुलेठी आदि ऊंचा सुनने की समस्या में काफी लाभ देते हैं।

4. कान के दर्द में दिव्य सारिवादि वटी के लाभ

कानों की सबसे ज्यादा या आम होने वाली समस्या होती है कानों में दर्द होना कानों का बहना या कानों में इन्फेक्शन कम होता है लेकिन कान में दर्द काफी लोगों में देखा जा सकता है।

कान के दर्द होने की कई वजह हो सकती है कभी-कभी हम कई बार कानों को बहुत अधिक हिला देते हैं इस वजह से भी कान का दर्द हो सकता है। कान में मौजूद बैक्टीरिया या फिर इंफेक्शन के कारण भी ऐसा हो सकता है।

अगर आपको कभी कान का दर्द हो तो ऐसे में आप दिव्य पतंजलि सारिवादि वटी का सेवन कर सकते हैं। इसमें उपलब्ध औषधियों के गुण के कारण यह कान के दर्द की समस्या में काफी लाभकारी होती है।

अगर आपको कान दर्द बहुत ही तीव्र गति से हो रहा है तो हम यही सलाह देना चाहेंगे कि जल्द से जल्द डॉक्टर को दिखाएं। क्योंकि कान के दर्द का अधिक देर तक रहना इसकी सेहत के लिए बिल्कुल भी अच्छा नहीं है।

5. कान के इन्फेक्शन में पतंजलि सारिवादि वटी के फायदे

इंफेक्शन कैसा भी हो इसका हमारे शरीर के किसी भी अंग पर होना बिल्कुल भी अच्छा नहीं है और कान में इन्फेक्शन होना तो काफी दर्द दायक हो सकता है।

आमतौर पर देखा जाता है कि हमारे कानों में इन्फेक्शन गंदा पानी चले जाने के कारण या फिर किसी बैक्टीरिया के संपर्क में आने के कारण होता है।

अगर आप कानों में इंफेक्शन की समस्या से जूझ रहे हैं तो ऐसे में दिव्य सारिवादि वटी का सेवन करना एक उचित फैसला हो सकता है। क्योंकि इसमें मौजूद आयुर्वेदिक औषधियां इंफेक्शन को खत्म करने का कार्य करती है।

इसके साथ ही हम आपको यह परामर्श देना चाहेंगे कि कानों में इंफेक्शन होने पर जल्द से जल्द किसी ईयर स्पेशलिस्ट को दिखाएं। तथा साथ में आप दिव्य पतंजलि सारिवादि वटी के लाभ भी ले सकते हैं ऐसा करने से जल्दी आराम मिलेगा।

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पतंजलि सारिवादि वटी के नुकसान (Patanjali Sarivadi Vati Side Effects)

जैसा कि आपने ऊपर पढ़ लिया होगा की दिव्य सारिवादि वटी को बनाने में सारिवा, मुलेठी, दालचीनी, नागकेसर, गिलोय आदि आयुर्वेदिक तत्वों का इस्तेमाल किया गया है। हम सभी जानते हैं कि आयुर्वेदिक औषधियों के नुकसान तभी होते हैं जब इनका गलत ढंग से या फिर गलत मात्रा में उपयोग किया जाए।

हमारे द्वारा की गई रिसर्च में हमें दिव्य सारिवादि वटी के साइड इफेक्ट्स या नुकसान के बारे में कोई भी जानकारी प्राप्त नहीं हुई है।

इसके नुकसान के बारे में अधिक जानने के लिए आप आयुर्वेदिक चिकित्सक से संपर्क कर सकते हैं।

फिर भी आपको कुछ बातों का ध्यान जरूर रखना चाहिए जो है –

  • गर्भवती महिलाओं को पतंजलि सारिवादि वटी का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • स्तनपान कराने वाली महिलाओं को बिना डॉक्टर की सलाह के दिव्य सारिवादि टेबलेट के सेवन से बचना चाहिए।
  • 2 साल से कम उम्र के बच्चों को टेबलेट का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को सारिवादि वटी देने से पहले डॉक्टर से जरूर पूछें।

पतंजलि सारिवादि वटी के उपयोग (Patanjali Sarivadi Vati Uses in Hindi)

जैसे कि आपने ऊपर जानना दिव्य सारिवादि वटी कानों की बहुत सी समस्याओं में उपयोगी होती है इसके अलावा भी इस टैबलेट के कुछ उपयोग होते हैं। आइए डालते हैं एक नजर दिव्य पतंजलि सारिवादि वटी के उपयोग पर –

  • कानों के संक्रमण में सारी वादी वटी का उपयोग कर सकते हैं।
  • सारिवादि वटी में गिलोय तथा दालचीनी आदि होने के कारण यह बुखार में भी उपयोग में लाया जा सकता है।
  • पतंजलि सारिवादि वटी सांसो के रोग में भी उपयोग किया जा सकता है।
  • डायबिटीज या मधुमेह मैं सारिवादि वटी का इस्तेमाल कर सकते हैं।
  • सारिवादि वटी बांझपन की समस्या में भी उपयोग में लाई जा सकती है।
  • सारिवादि वटी का उपयोग शराब की लत से छुटकारा पाने के लिए भी किया जा सकता है।

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पतंजलि सारिवादि वटी की सेवन विधि (Divya Sarivadi Vati Ingredients)

दिव्य सारिवादि वटी का सेवन चिकित्सक की सलाह के अनुसार या फिर इस दवाई के पैकेट पर लिखे निर्देश के अनुसार ही करना चाहिए।

सारिवादि वटी के पैकेट पर लिखे निर्देश के अनुसार आप सुबह में खाने के बाद इसकी एक टैबलेट गुनगुने पानी या दूध से ले सकते हैं।

कितनी टैबलेट सेवन करनी है?दिन में 1
कब सेवन करनी है?कुछ खाने के बाद सुबह
कैसे सेवन करनी है?गुनगुने पानी या दूध से

सारिवादि वटी कहां से खरीदें (Buy Sarivadi Vati)

सारिवादि वटी कई कंपनियों द्वारा बनाई जाती है आप चाहे तो पतंजलि सारिवादि वटी या फिर बैद्यनाथ सारिवादि वटी को भी खरीद सकते हैं।

बैद्यनाथ सारिवादि वटी आपको किसी भी आयुर्वेदिक स्टोर पर मिल जाएगी तथा पतंजलि सारिवादि वटी को आप पतंजलि के स्टोर से खरीद सकते हैं।

आप चाहें तो इन सारिवादी टैबलेट को ऑनलाइन वेबसाइट से आर्डर करके अपने पते पर भी मंगा सकते हैं।

सारिवादि वटी की कीमत (Sarivadi Vati Price)

डाबर सारिवादि वटी बैद्यनाथ सारिवादि वटी तथा पतंजलि सारिवादि वटी तीनों की कीमत अलग-अलग है

क्योंकि हमने आपको पर जानकारी दी है कि पतंजलि सारिवादि वटी किस प्रकार लाभ पहुंचाती है तो हम आपको इसी की कीमत के बारे में बताएंगे

दिव्य पतंजलि सारिवादि वटी की कीमत की बात करें तो इसका 20 ग्राम का पैकेट लगभग ₹90 का आता है जिसमें 160 टैबलेट होती है

₹90 = 160 टैबलेट

FAQ (प्रश्न-उत्तर)

प्रश्न – सारिवादि वटी के क्या फायदे हैं?

उत्तर – सारिवादि वटी कानों की कई समस्या में फायदा पहुंचाती है। इसके बारे में पूरा जानने के लिए ऊपर लेख पढ़ें।

प्रश्न – सारिवादि वटी का सेवन किसे नहीं करना चाहिए?

उत्तर – गर्भवती महिलाओं को सारिवादि वटी का सेवन नहीं करना चाहिए।

प्रश्न -सारिवादि वटी 1 दिन में कितनी बार खाई जा सकती है?

उत्तर – एक दिन में सिर्फ 1 बार सारिवादि वटी खाने की सलाह दी जाती है। अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क करें।

समीक्षा सारांश

कानों से जुड़ी कई समस्याएं होती है तथा हमने आज इन समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए दिव्य पतंजलि सारिवादि वटी के फायदे (Divya Patanjali Sarivadi Vati Benefits) के बारे में जानकारी प्राप्त की। साथ ही हमने पतंजलि सारिवादि वटी के नुकसान, कीमत तथा सेवन विधि की भी जानकारी ली।

हम आशा करते हैं कि आपको पतंजलि सारिवादि वटी के उपयोग (Patanjali Sarivadi Vati Uses in Hindi) के बारे में लिखा यह लेख बहुत रुचिकर लगा होगा। यदि आपको इस लेख से कोई भी फायदा हुआ है तो उस बारे में हमें कमेंट बॉक्स में बताना ना भूलें।

Disclaimer: इस लेख में बताये तरीके, विधि व दावों की हेल्थीह्यूमन पुष्ठी नहीं करता। इन्हें केवल सुझाव की तरह ले। इस प्रकार के किसी भी उपचार/दवा/डाइट अम्ल में लाने से पहले चिकित्सक का परामर्श अवश्य ले।

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