डायबिटीज क्या है (Madhumeh Kya Hai) मधुमेह के प्रकार, डायबिटीज के लक्षण, कारण, बचाव, खानपान (Prevention, Symptoms, Causes, Types of Diabetes in Hindi, Madhumeh in Hindi)
हमारी आधुनिक जीवनशैली ने हमारे खान-पान को ऐसे परिवर्तित किया है कि उसका असर हमारे शरीर पर आसानी से देखा जाता है। गलत भोजन शैली ने कई रोगों को जन्म दिया है तो कई को बहुत ही भयंकर बना दिया है तथा कुछ रोग तो बहुत अधिक होने लगा है। ऐसा ही एक रोग है मधुमेह या डायबिटीज जिसे हम शुगर के नाम से भी जानते है, यह भी गलत खान-पान का नतीजा है। आइये जानते है मधुमेह क्या है तथा मधुमेह के लक्षण क्या है?
मधुमेह क्या है? (Diabetes Kya Hai)
मधुमेह या डायबिटीज ऐसी बीमारी है जिसमें चयापचय संबंधी बीमारियों का एक समूह बन जाता है जिसमें रक्त में शर्करा का उच्च स्तर लंबे समय तक रहता है। डायबिटीज शरीर में शुगर की मात्रा बढ़ जाने पर होती है। यह एक गंभीर बीमारी होती है जिसका उपचार सही समय पर होना बहुत जरूरी है यदि इस बीमारी से ग्रस्त रोगी को सही समय पर उपचार ना मिले तो उसकी मृत्यु भी हो सकती है।
मधुमेह के प्रकार (Types of Diabetes in Hindi)
डायबिटीज या मधुमेह एक ऐसी बीमारी है जो शरीर में शुगर की मात्रा अधिक बढ़ जाने पर होती है और इसे सामान्यतः दो प्रकारों में बांटा गया है –
क. टाइप 1 और
ख. टाइप 2
विश्व भर में प्रत्येक 10 में से एक व्यक्ति मधुमेह से पीड़ित होता है। आज के समय में यह बीमारी बहुत गंभीर होती जा रही है।
क. टाइप 1 डायबिटीज –
इस प्रकार की डायबिटीज वंशानुगत कारणों से होती है। इस प्रकार का मधुमेह बहुत ही गंभीर समस्या है इस प्रकार की डायबिटीज की समस्या में इलाज ना मिलने पर रोगी की स्थिति गंभीर भी हो सकती है। यह मधुमह आमतौर पर 20 साल से कम उम्र में के बच्चों में देखा जाता है
ख. टाइप 2 डायबिटीज –
भारत में अधिकतर लोग टाइप टू मधुमेह से पीड़ित है इसमें इंसुलिन की क्षमता कम हो जाती है। या डायबिटीज 20 से अधिक उम्र वालो में होती है।
इस प्रकार की डायबिटीज की समस्या कुछ लोगों में गलत खान पान और गलत रहन सहन के कारण होती है। इस प्रकार का मधुमेह ज्यादा गंभीर नहीं होता लेकिन इसका उपचार होना बहुत ही आवश्यक है।
👉 यह पोस्ट पढ़े > एसिडिटी के लिए सबसे अच्छी आयुर्वेदिक दवाई
डायबिटीज के लक्षण (Symptoms of Madhumeh in Hindi)
जब शुगर की समस्या किसी भी मनुष्य के अंदर होती है तो उसके कुछ लक्षण दिखाई देते हैं जिनकी पहचान होना बहुत ही जरूरी होता है। महिलाओं में मधुमेह के लक्षण तथा पुरुषों में मधुमेह के लक्षण एक जैसे ही होते है। आइये जानते है महिलओं एवं पुरुषों में डायबिटीज के लक्षण के बारे में –
- डायबिटीज की समस्या होने पर बहुत ज्यादा प्यास लगने लगती है।
- बार-बार पेशाब आना
- भूख अधिक लगना, हर थोड़ी देर में कुछ खाने का मन करना।
- थकान महसूस होना
- आंखों से धुंधला दिखाई देना
- पैरों में झुनझुनी उत्तेजना का होना
- अस्पष्टीकरण त्वचा पर शर्करा
- वजन घटना भी डायबिटीज का एक आम लक्षण है।
- घाव का जल्दी ना भरना भी मधुमेह का एक बहुत बड़ा लक्षण है।
- बार-बार फोड़े फुंसियों का निकलना।
- अचानक पैरों व घुटनों में दर्द होने की शिकायत होने लगना।
लेकिन कुछ लोगों में यह लक्षण नहीं दिखाई देते। जैसे कि गर्भ कालीन मधुमेह, ऐसे लोगों को अपने खून में शर्करा की जांच कराना आवश्यक होता है।
मधुमेह के कारण (Causes of Diabetes in Hindi)
डायबिटीज होने के कारण से पहले हमे पता होना चाहिए कि यह होता क्यों है? मधुमेह हमारे रक्त में शुगर की मात्रा बढ़ जाने के कारण होता है। शुगर की मात्रा को नियंत्रित बनाये रखने के लिए इन्सुलिन तथा ग्लुकागन दो हार्मोने उत्तरदायी होता है।
जब हमारा शरीर कम इन्सुलिन बनाने लगता है तो खून में शुगर की मात्रा बढ़ जाती है। इन्सुलिन का कम बनना, खून में शुगर के लेवल को सामान्य नहीं बनाये रखता है जिस कारण शुगर का लेवल बहुत अधिक बढ़ जाता है। रक्त में शुगर की मात्रा के अधिक हो जाने को ही मधुमेह या डायबिटीज कह देते है।
भारत में किए गए एक शोध के अनुसार 68 फ़ीसदी महिलाएं विटामिन डी की कमी के कारण डायबिटीज जैसे रोग से ग्रसित हैं। पुरुषों की तुलना में महिलाओं में शुगर की समस्या अधिक पाई जाती है। मधुमेह होने का एक बड़ा कारण विटामिन डी का अधिक मात्रा में शरीर में कम होना भी है।
मैं आशा करता हूँ अब आपको स्पष्ठ हो गया होगा कि शुगर की बीमारी क्यों होती है?
👉 यह भी पढ़े > शरीर की हर तरह की पीड़ा पीड़ानिल गोल्ड से हो जाती है ठीक
मधुमेह या डायबिटीज की जांच के लिए टेस्ट (Test)
डायबिटीज की जांच के लिए एसबीए 1 सी को ग्लाइकेटेड हीमोग्लोबिन टेस्ट किया जाता है। डायबिटीज का पता लगाने के लिए अब तक यह सबसे सटीक टेस्ट है।
इस टेस्ट के माध्यम से पिछले दो-तीन महीने में आपके खून में शुगर का क्या स्तर था, वह पता चल जाता है।
इसके अतिरिक्त यदि आप फास्टिंग पर हैं तो समय आपका ब्लड शुगर केवल 70 से 100 mg/dl के बीच होना चाहिए लेकिन अगर यह स्तर 100 से 126mg/dl है तो इसे प्रीडायबिटीज कंडीशन माना जाता है और यदि इसका स्तर और अधिक बढ़ जाता है तो यह काफी खतरनाक माना जाता है।
मधुमेह या डायबिटीज कैसे नियंत्रित करें (Diabetes Kaise Control Kare)
जैसा कि हम सभी जानते हैं मधुमेह एक बहुत जटिल बीमारी है जिस को नियंत्रित करना बहुत ही ज्यादा जरूरी होता है। तो इसीलिए उस को नियंत्रित करने के कुछ तरीके हम आपको आगे बता रहे हैं –
- शुगर को नियंत्रित करने के लिए एक स्वस्थ आहार लेना बहुत ही ज्यादा आवश्यक है।
साथ ही डॉक्टर द्वारा दी गई दवाइयों का सही समय पर और सही तरीके से सेवन करना चाहिए।
ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल करने के लिए व्यायाम को भी अपनी दिनचर्या में शामिल करना होगा। - शुगर की जांच नियमित रूप से करानी चाहिए।
- अपने वजन को नियंत्रित या कम रखें वजन बढ़ेगा तो समस्या अधिक बढ़ेगी।
- डायबिटीज के मरीजों को पर्याप्त नींद लेना बहुत ही ज्यादा जरूरी होता है।
- इंसुलिन थेरेपी कराना चाहिए।
- जटिलता के लिए नियमित रूप से स्क्रीनिंग भी आवश्यक है।
👉 यह भी पढ़े > कोरियाई लड़कियों के गोर होने के है ये 9 राज
मधुमेह या डायबिटीज में क्या खाना चाहिए (What to Eat)
वर्तमान समय में लाखों लोगों में यह डायबिटीज की समस्या देखी जाती है और यह एक आम बीमारी हो चुकी है लेकिन फिर भी इसे बहुत खतरनाक रोग माना जाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि इसके लक्षण जल्दी सामने नहीं आते हैं।
डायबिटीज आहार का संतुलित होना हमारे लिए बहुत आवशयक है। शुगर जैसी बीमारी से ग्रसित रोगी को नाश्ते में फैट फ्री दूध और अंकुरित अनाज लेना चाहिए। इसके अलावा एक से दो कटोरी दलिया और ब्राउन ब्रेड बी एक अच्छा ऑप्शन हो सकता है। शुगर में जामुन खाना चाहिए और अंजीर के पत्ते खाली पेट चलाने चाहिए और इसके अलावा मेथी का इस्तेमाल भी अपने खाने में करना चाहिए।
मधुमेह या डायबिटीज में क्या नहीं खाना चाहिए? (What not to Eat)
मधुमेह या डायबिटीज के रोगियों को कुछ फल और सब्जियों को खाने से बचना चाहिए क्योंकि उनको खाने से ब्लड शुगर का स्तर बढ़ सकता है। यह फल और सब्जियां इस प्रकार है-आलू, शकरकंद, कटहल, आम, केला, , खजूर, चुकंदर और गाजर, कुछ ऐसे ही प्राकृतिक उत्पादों का सेवन सीमित मात्रा में ही करना चाहिए।
और चीकू को खाने से तो बिल्कुल ही बचना चाहिए। इसके अलावा चीनी, मिठाई, शरबत का परहेज करना आवश्यक है और चावल भी कभी-कभी ले सकते हैं।
मधुमेह रोग किस विटामिन की कमी से होता है?
कुछ वर्षो में मधुमेह रोग पर कई शोध किये गए है जिनमे बहुत कुछ सामने आया है। शोध में पता चला है कि मधुमेह विटामिन D की कमी से होता है। डायबिटीज एवं विटामिन डी में सीधा संबंध बताया जाता है। इसलिए हमे दिन भर में थोड़ी धूप अवश्य लेनी चाहिए।
भारत में किए गए एक शोध के अनुसार 68 फ़ीसदी महिलाएं विटामिन डी की कमी के कारण डायबिटीज जैसे रोग से ग्रसित हैं। पुरुषों की तुलना में महिलाओं में शुगर की समस्या अधिक पाई जाती है। मधुमेह होने का एक बड़ा कारण विटामिन डी का अधिक मात्रा में शरीर में कम होना भी है।
मधुमेह होने का सबसे बड़ा एक कारण है शरीर में इन्सुलिन का कम बनाना। इन्सुलिन एक हार्मोन है जो रक्त में शुगर के लेवल को कम बनाये रखता है, इस लेवल के बढ़ जाने को ही डायबिटीज कह देते है।
डायबिटीज या मधुमेह से बचने के उपाय (Prevention)
मधुमेह या डायबिटीज एक गंभीर बीमारी है। अगर आप इस बीमारी से बचना चाहते हैं तो अपने खानपान में और अपने स्वास्थ्य में कुछ सुधार करना बहुत जरूरी है। कुछ ऐसी चीजें जिनका नियमित रूप से सेवन करना होगा। अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखकर आप इस बीमारी से बच सकते हैं। मधुमेह की रोकथाम के कुछ उपाय नीचे दिए गए हैं –
- हमें स्वस्थ रहने के लिए व्यायाम करना चाहिए, व्यायाम से हमारा शरीर सक्रिय रहता है इससे मधुमेह की रोकथाम होती है।
- धूम्रपान करने वाले लोगों को मधुमेह या डायबिटीज का खतरा दोगुना होता है तो इसीलिए इस आदत को हो सके तो छोड़ दें क्योंकि इससे आपका स्वास्थ्य खराब होगा।
- बजट बढ़ने की समस्या शराब पीने वाले लोगों को ज्यादा होती है और मोटापे से शुगर लेवल बढ़ने का खतरा अधिक हो जाता है। तो इसीलिए रक्त शर्करा को नियंत्रित रखने के लिए शराब का सेवन ना करें।
- डायबिटीज की समस्या से बचने के लिए पर्याप्त नींद लेना भी बहुत ज्यादा आवश्यक होता है।
- किसी भी व्यक्ति को तनाव लेना उचित नहीं है क्योंकि तनाव के कारण हारमोंस रक्त शर्करा में परिवर्तन लाते हैं और मधुमेह के जोखिम को बढ़ाते हैं।
- नियमित रूप से अपने ब्लड शुगर लेवल की जांच कराते रहना चाहिए।
तो यह ये थे कुछ मधुमेह से बचने के उपाय। अपने दैनिक जीवन में दौड़ने और व्यायाम को अवश्य शामिल करे।
👉 यह भी पढ़े > लड़कियों को जरुर बताये केला खाने के ये बेस्ट तरीका
FAQ (मधुमेह के बारे में प्रश्न-उत्तर)
शुगर और डायबिटीज एक ही रोग के दो नाम है लेकिन यह टाइप 1 व टाइप 2 दो तरह की होती है। इसके बारें में अधिक जानने के लिए ऊपर पोस्ट पढ़े।
आजकल तो डायबिटीज या मधुमेह किसी भी उम्र में होने लगा है। लेकिन 40 वर्ष की उम्र से अधिक होने पर शुगर होने की संभावना बढ़ जाती है।
सुबह खाली पेट सामान्य ब्लड शुगर लेवल 70-100 mg/dl होना चाहिए। इससे ऊपर शुगर लेवल होने पर हमे सावधान होकर अपने खान-पान में बदलाव कर देना चाहिए।
मधुमेह रोग हमारे शरीर में इन्सुलिन के कम उत्पादन के कारण होता है। क्योंकि इन्सुलिन ही शुगर लेवल को सामान्य बनाये रखता है।
अस्वीकरण
सलाह के साथ यह लेख केवल सामान्य जानकरी देती है, यह किसी भी प्रकार से योग्य चिकित्सा का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए किसी परीक्षित डॉक्टर की सलाह ही ले। हेल्थीह्यूमन इस जानकारी के लिए किसी भी जिम्मेदारी का दायित्व नहीं करता है।
अंत में –
आज हमने मधुमेह क्या है (Diabetes Kya Hai) के बारे में पूर्णत जानने की कोशिश की। हमने मधुमेह के लक्षण (Symptoms, Diabetes Ke Lakshan), मधुमेह के प्रकार (Types of Diabetes in Hindi), मधुमेह के कारण (Causes of Diabetes in Hindi), मधुमेह की रोकथाम के उपाय (Prevention) तथा मधुमेह में क्या खाए और क्या ना खाए यह जानने का प्रयास किया।
👉 सबसे ज्यादा सर्च की जाने वाली पोस्ट
- विटामिन ई के कमी के ये भयंकर नुकसान कोई नहीं बताता
- साबूदाना के ये लाभ आपसे छुपाये गए
- अश्वगंधा सिर्फ शारीरिक पॉवर नहीं बढ़ता, करता है ये भी
- नागफनी के चमत्कारिक लाभ जिनका लोगों को अब पता चला
- लड़कियों को जरुर बताये केला खाने के ये बेस्ट तरीका